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IMD update : दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान जून से जुलाई तक राजस्थान के कई इलाकों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज हो चुकी है, लेकिन अगले दो माह बारिश के हिसाब से कमजोर रहने वाले हैं। मौसम विज्ञान विभाग की ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि राजस्थान में अगस्त के दौरान औसत से कम बारिश होगी। यूं कहा जा सकता है कि हर साल कि तरह इस बार अगस्त में ताबड़तोड़ बारिश का आंकड़ा सामने नहीं आ सकेगा। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि बीसलपुर पर चादर चलने की आस अधूरी रहेगी। उधर, जयपुर मौसम केन्द्र का कहना है कि राजस्थान के पश्चिमी इलाकों में अगस्त और सितंबर के दौरान बारिश का आंकड़ा बहुत कम रह सकता है। लेकिन वहां जून और जुलाई ने तरबतर कर दिया।
देशभर में अगस्त में कमजोर रहेगा मानसून
मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक आर.एस. शर्मा ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के दूसरे चरण (अगस्त-सितंबर) का पूर्वानुमान जारी किया गया है, जिसके तहत राजस्थान में अगस्त के दौरान औसत से कम बारिश होगी। यही स्थिति सितंबर में दिखाई दे सकती है। इस दौरान पूर्वी राजस्थान में सामान्य का आंकड़ा दिखाई दे सकता है, जबकि पश्चिमी राजस्थान में कमी दिखाई देगी। कुछ इलाकों में तो छुटपुट बारिश से ही संतोष करना पड़ेगा। शर्मा ने बताया कि जून और जुलाई की बारिश ने कई जिलों में झोली भर दी है। तभी तो राजस्थान में जून व जुलाई की बारिश का आंकड़ा बताता है कि सामान्य से 42 प्रतिशत बारिश अधिक दर्ज की गई है। राजस्थान में सामान्य बारिश का आंकड़ा 161.4 एमएम है, जबकि वास्तविक बारिश 228.4 एमएम दर्ज हुई है, जो सामान्य से 42 प्रतिशत ज्यादा है। इसमें भी पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 20 और पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से 78 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
अगस्त-सितंबर में यूं रहेगा बारिश का आंकड़ा
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की माने तो दक्षिण-पश्चिम मानसून का दूसरा चरण (अगस्त-सितंबर) के दौरान देश में बारिश सामान्य होने की संभावना है। संभवतः सामान्य के नकारात्मक पक्ष की ओर। उत्तर-पूर्व भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। जबकि प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश हिस्सों व उत्तर-पश्चिम व मध्य भारत के पश्चिमी हिस्सों में सामान्य से नीचे बारिश होने की संभावना है। अगस्त के दौरान पूरे देश में सामान्य से कम बारिश की संभावना है।
बनी हुई है अलनीनो की स्थिति
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मानसून के पहले चरण के दौरान की कहा गया था कि मानसून की पिछले चरण के दौरान अलनीनो की स्थिति रहने से मानसून कमजोर रह सकता है। वर्तमान में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र पर कमजोर अलनीनो की स्थिति बनी हुई है। नवीनतम एमएमसीएफएस और अन्य जलवायु माॅडल से संकेत मिलता है कि अलनीनो की स्थिति और अधिक तेज होने और अगले साल तक जारी रहने की संभावना है। वर्तमान में हिंद महासागर में तटस्थ आईओडी स्थितियां प्रचलित है। नवीनतम जलवायु माॅडल पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि मानसून के शेष भाग के दौरान सकारात्मक आईओडी स्थितियां विकसित होने की संभावना है। आईएमडी अगस्त के अंत तक सितंबर के लिए मासिक बारिश और तापमान का पूर्वानुमान जारी करेगा।
Updated on:
31 Jul 2023 07:15 pm
Published on:
31 Jul 2023 07:04 pm
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