
seasonal diseases: ऐसा क्या हुआ जिससे अस्पताल में बढ़ गए मरीज
बरसात का मौसम भले ही थम गया है। लेकिन, कई जगह पर पानी का भराव है। इससे सर्दी, खांसी, जुकाम व वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। पाली के बांगड़ अस्पताल की ओपीडी ही डेढ़ गुना हो गई है। अस्पताल के मेडिसन विभाग में आने वाले मरीजों की संख्या में भी 15 से 20 फीसदी मरीज मौसमी बुखार के साथ सर्दी, जुकाम व खांसी से पीड़ित हैं।
चिकित्सकों के अनुसार तापमान में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। हमारा शरीर इस बदलाव के लिए अचानक से तैयार नहीं हो पाता। खासकर बच्चे व बुजुर्ग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते है। ऐसे में उनका ख्याल रखना बेहद जरूरी है। पाली के बांगड़ चिकित्सालय के साथ अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की ओपीडी में भी सर्दी-खांसी व बुखार से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं।
बरसात के समय आई थी कमी
जिले में बिपरजॉय तूफान के बाद अस्पतालों में मरीजों की संख्या में कमी आई थी। इसके बाद लगातार करीब एक माह तक सूखा मौसम रहा तो मरीज बढ़े। मानसून की बरसात में मरीजों की संख्या कम हुई, जो अब फिर से एक बार बढ़ने लगी है।
बच्चे वायरल से पीडि़त
वायरल बुखार के अलावा सर्दी, खांसी, जुकाम के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। बच्चे वायरल निमोनिया से ग्रसित हो रहे हैं। डेंगू के मरीज भी आ रहे है। ऐसे में इस समय सावधानी रखना जरूरी है।
डॉ. आरके बिश्नोई, अतिरिक्त अधीक्षक, बांगड़ चिकित्सालय, पाली
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बाहर भोजन करने से बचें
मौसम में बदलाव को देखते हुए सेहत का ध्यान रखें। बाहर खाने से बचें। बुखार आने पर डाॅक्टर को दिखाकर ही दवाई लें। इस मौसम में स्वास्थ्य को लेकर सावधानी बरतना जरूरी है। घर में किसी को जुकाम होने पर मुंह पर मास्क बांधकर रखे। यह हवा के साथ फैलने वाला वायरस है। खासकर बच्चों व बुजुगोZं का ख्याल रखना चाहिए। उनको वायरस अधिक प्रभावित कर सकता है। धूम्रपान व धूल से भी बचने का प्रयास करना चाहिए।
डॉ. एचएम चौधरी, आचार्य व प्रमुख विशेषज्ञ, मेडिकल कॉलेज, पाली
इस तरह रखें ख्याल
बाहर का खाने से बचें।
बच्चों को पानी अधिक पिलाएं।
मच्छरों से बचाव का प्रबंध।
तबीयत खराब होने पर डॉक्टर को दिखाकर ही उपचार करवाएं।
जलभराव वाले स्थलों को खाली कराएं।
बुजुर्गों व बच्चों को तरल पदार्थ व ताजा भोजन ही दें।
Published on:
03 Oct 2023 10:49 am
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