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देश के इस प्रदू​षित शहर में ऑक्सीजन के भंडार..पढ़ें पूरी खबर

पाली में प्रदूषण का प्रभाव कम करने के लिए शहर के बीच वन विभाग की 700 हेक्टेयर जमीन ऑक्सीजोन के रूप में विकसित की जा सकता है।

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देश के प्रदू​षित शहरों में है पाली,  यहां ऑक्सीजन का भंडार..पढ़ें पूरी खबर

देश के प्रदू​षित शहरों में है पाली, यहां ऑक्सीजन का भंडार..पढ़ें पूरी खबर

पाली. देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल पाली में आपको साफ-सुथरी हवा नसीब हो सकती है। पेड़-पौधोें के बीच सुकून के दो पल गुजारने के लिए जगह मिल सकती है। बशर्ते, ऑक्सीजन के भंडार विकसित जाएं। क्योंकि, रीयल टाइम एयर पॉल्यूशन रेटिंग एजेंसी के (एक्यूआई) के आंकड़े संतोषजनक नहीं है। प्रदूषण का प्रभाव कम करने के लिए शहर के बीच वन विभाग की 700 हेक्टेयर जमीन ऑक्सीजोन के रूप में विकसित की जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो सांसों को दूषित हवा से छुटकारा दिलाने में हम काफी हद तक कामयाब हो सकेंगे। ऑक्सीजोन हवा की गुणवत्ता में सुधार और प्रदूषण कम करने का बड़ा माध्यम है। स्वास्थ्य के लिहाज से भी इसके कई फायदे हैं, क्योंकि यह श्वसन प्रणाली को बेहतर बनाने, ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने और एकाग्रता में सुधार करने में मददगार होता हैं।

700 हेक्टेयर जमीन अनुपयोगी, संवार सकती है जिंदगी
जोधपुर रोड हाउसिंग बोर्ड काजरी के सामने बांगड़ स्टेडियम तक वन विभाग की 700 हेक्टेयर जमीन बरसों से अनुपयोगी पड़ी है। यहां कई प्रजाति के पेड़ लगे हैं, लेकिन ज्यादातर अंग्रेजी बबूल हैं। इस जगह को ऑक्सीजोन के रूप में विकसित किया जा सकता है। यहां बड़ी संख्या में पेड़-पौधे लगाने के साथ-साथ वॉकिंग ट्रेक इत्यादि बनाया जा सकता है। इसके एक हिस्से में औद्योगिक क्षेत्र और आबादी भी निवास कर रही है। हाउसिंग बोर्ड, प्रतापनगर, सुभाष नगर समेत कई कॉलोनियां भी आसपास है।

कई शहरों में हैं ऑक्सीजोन

वैसे प्रदेश के कई शहरों में ऑक्सीजोन बने हुए है। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, कोटा इत्यादि शामिल है। कोटा का ऑक्सीजोन पार्क काफी चर्चित है। यह मनोरंजन स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है।

ऑक्सीजोन के फायदे:
-हवा की गुणवत्ता में सुधार

-प्रदूषण कम करना
-तापमान को नियंत्रित करना

-शोर कम करना
-जैव विविधता को बढ़ावा देना
-मनोरंजन और व्यायाम के लिए स्थान प्रदान करना
-मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

इन्होंने कहा

यदि स्टेडियम के पास वन विभाग की जमीन को ऑक्सीजोन के रूप में विकसित किया जाता है तो यह पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण की रोकथाम के लिहाज से महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। भावी पीढ़ी को हम प्रकृति की उपयोगिता का संदेश दे पाएंगे। इसके लिए जिला प्रशासन और वन विभाग को जल्द कदम उठाने चाहिए।

विनय बंब, पर्यावरण प्रेमी