कॅरियर चुनते समय किस बात का खासतौर से ध्यान रखना चाहिए। इस बारे में भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी धायगुडे स्नेहल नाना से बातचीत की। वे वर्ष 2019 के बैच की आईएएस अधिकारी हैं और बाली में डिप्टी कलक्टर के पद पर तैनात हैं। साधारण परिवार में जन्मी स्नेहल ने कड़ी मेहनत ने लक्ष्य प्राप्त किया है।
जग्गोसिंह धाकड़
पाली. माता-पिता अपने बच्चों के लिए सबसे अच्छा कॅरियर चाहते हैं, वो चाहते हैं कि उनके बच्चों का भविष्य बेहतर हो। लेकिन कई बार वे अपने बच्चों के लिए उन्हें जो ठीक लगता है वो बिना उनकी मर्जी जाने उनसे करने का दबाव बनाने लगते हैं। जिससे बच्चा अपनी चाह औऱ रुचियों को छोड़ कर ऐसे विषय को पढ़ने लगता है जो ना तो उसकी पसंद के होते हैं ना ही उसे समझ आते हैं। इस अनचाहे दबाव से कैसे बचें, इस बारे में राजस्थान पत्रिका ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी धायगुडे स्नेहल नाना से बातचीत की। वे वर्ष 2019 के बैच की आईएएस अधिकारी हैं और बाली में डिप्टी कलक्टर के पद पर तैनात हैं। साधारण परिवार में जन्मी स्नेहल ने कड़ी मेहनत ने लक्ष्य प्राप्त किया है। उनसे बातचीत के कुछ अंश यहां प्रस्तुत हैं।
सवाल: कॅरियर चुनते समय किस बात का खासतौर से ध्यान रखना चाहिए।
जवाब: किसी के कहने या किसी को देखकर कॅरियर की तैयारी शुरू नहीं करें। पहले खुद को परख लें कि आपकी रुचि किस कार्य में है। उसी हिसाब से कॅरियर की राह चुनें और उसके लिए नियमित अध्ययन करें। कुछ करने की प्रेरणा खुद के अंदर से होनी चाहिए न कि किसी को देखकर।
सवाल: कई बार स्टूडेंट कुछ और चाहते हैं और माता-पिता कुछ और बनाना चाहते हैं, ऐसे में क्या करना चाहिए।
जवाब: माता-पिता को अपने मन की बात तर्क और समझदारी से बताएं। ऐसे में वे आपकी बात जरूर समझेंगे और आपकी रुचि के अनुसार कॅरियर की राह अपनाने में मदद करेंगे।
सवाल: कॅरियर चयन को लेकर लेकर आपका कोई निजी अनुभव बताएं।
जवाब: मेरे माता-पिता की इच्छा थी कि मैं डॉक्टर बनूं, लेकिन मैंने उन्हें बताया कि मैं सिविल सेवा में जाना चाहती हूं। उन्होंने मेरी बात समझी और पूरा साथ दिया। मैने कृषि विज्ञान में स्नातक किया और इसके बाद मैने पूरी लगन से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और सफलता मिली। माता-पिता ने हर संभव मदद की और हमेशा प्रेेरित किया।
सवाल: कई बार पंसद के कॅरियर की परीक्षा में सफलता नहीं मिलती तो युवा आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेते हैं, उनके लिए क्या संदेश है।
जवाब: अपनी रुचि और क्षमताओं की पहचान करके कॅरियर की राह चुनें और पूरे मन से तैयारी करें। इससे पहले हर कक्षा के पाठ्यक्रम को बेहतर तरीके से पढ़ें। हर कक्षा की पढ़ाई प्रतियोगी परीक्षा में उपयोगी होती है। बेस मजबूत होना चाहिए। पूरी ईमानदारी से नियमित मेहनत करने पर सफलता जरूर मिलती है। यदि किसी कारण से सफलता नहीं मिले तो घबराएं नहीं, क्योंकि जीवन से बड़ी दूसरी चीज नहीं है। यदि जीवन रहेगा तो बहुत कुछ कर सकते हैं। ऐसे में प्लान-बी की ओर बढ़ना चाहिए। किसी पसंद की परीक्षा में विफल होने के बाद भी जीवन में बड़ी सफलताएं हासिल करने के अनेकों उदाहरण हैं।
सवाल: सफलता के लिए स्वयं को कैसे प्रेरित करें।
जवाब: खुद के अंदर से मिलने वाली प्रेरणा किसी काम को पूरा करने के लिए जरूरी एक्सट्रा जोश भर देती है, लेकिन ये हमेशा ऐसे समय पर नहीं मिलती, जब आपको इसकी जरूरत हो। अगर आप किसी काम को शुरू करने या पूरा करने में परेशानी का सामना कर रहे हैं तो खुद को प्रेरणा देने की कोशिश करें। यह सुनिश्चित कर लें कि आपने स्पष्ट और संभाले जाने लायक लक्ष्य तय किया, ताकि आप पूरी प्रोसेस के दौरान अपनी प्रेरणा को बनाए रह सकें।
सवाल: क्या पढ़ाई के लिए टाइम टेबल उपयोगी है।
जवाब: पढ़ाई के लक्ष्य को नियमित अध्ययन के हिसाब से तय करें। जैसे कि कितने दिन में कितना पाठ्यक्रम पूरा करना है। पढ़ाई का टाइम टेबल एक सुविधाजनक, आसान सा रास्ता है जो कि आपको अपने पढ़ने के समय पर नियंत्रण रखने में सहायता प्रदान करता है। यह आपको एक परिप्रेक्ष्य देगा कि आप जो करना चाहते हैं और आपके पास कितना समय है उसे आप एक नज़र में देख सकें।