
मंत्री झाबर सिंह खर्रा। फाइल फोटो- पत्रिका
Pali News पाली। शहर के तकरीबन 600 उद्योगों पर मंडराए संकट को नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सीईटीपी फाउंडेशन और ट्रीटमेंट प्लांट-6 संचालित करने वाली स्वराष्ट्र कंपनी के बीच चल रहे आपसी विवाद का परिणाम बताया। मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह पूरा मामला दो संस्थाओं के आपसी मतभेद से जुड़ा है, सरकार की इसमें कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है।
उन्होंने बताया कि दोनों संस्थाओं के बीच हुए समझौते के तहत उद्योगों से निकलने वाले पानी का उपचार होना था, लेकिन हालिया विवाद के दौरान सीईटीपी फाउंडेशन के पदाधिकारियों द्वारा दिए गए इस्तीफों से स्थिति और जटिल हो गई। इसके चलते उद्योग बंद होने की नौबत आ गई। न्यायालय में मामला विचाराधीन होने के कारण सरकार फिलहाल कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
मंत्री खर्रा ने कहा कि प्लांट बंद रहने के दौरान यदि नदी या सीवरेज में दूषित पानी छोड़े जाने की शिकायत सामने आती है, तो जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चोरी-छिपे टैंकरों से गंदा पानी निस्तारित करने के मामलों को भी गंभीरता से लिया जाएगा।
पाली शहर में बढ़ते जलभराव पर मंत्री ने कहा कि हाईवे निर्माण कंपनियों ने शहर के चारों ओर ऊंचाई पर निर्माण कर दिया है, जिससे बरसाती पानी की प्राकृतिक निकासी बाधित हो गई है। उन्होंने बताया कि ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत करने के लिए बड़े नाले के निर्माण का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है, ताकि शहर को राहत मिल सके।
सड़कों की खराब हालत को लेकर मंत्री ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंताओं से मौके पर जानकारी ली और तत्काल मरम्मत व गुणवत्ता सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।
पत्रकारों के सवालों पर मंत्री खर्रा ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद एक भी पेपर लीक की घटना नहीं हुई है। वहीं, पाली नगर निगम के हॉल में आग लगने के बाद लंबे समय से लंबित चल रहे प्रकरण पर भी उन्होंने स्थानीय प्रशासन को शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए।
Updated on:
13 Dec 2025 02:33 pm
Published on:
13 Dec 2025 02:28 pm
बड़ी खबरें
View Allपाली
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
