
Former captain Hanuman Singh Rathore (Patrika Photo)
बाबरा (पाली): भारतीय सेना के पूर्व ऑनरेरी कैप्टन हनुमान सिंह राठौड़ का शनिवार तड़के जयपुर स्थित एक निजी अस्पताल में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे और कुछ दिन पूर्व ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था।
बता दें कि बाबरा निवासी पूर्व कैप्टन हनुमान सिंह राठौड़ ने भारतीय सेना में रहते हुए वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के साथ ही 1965 एवं 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों में देश की सीमाओं पर रहकर वीरता के साथ सेवा दी। सैन्य क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें अनेक सम्मान प्राप्त हुए।
वर्ष 1965 के युद्ध में भाग लेने पर उन्हें समर सेवा स्टार और रक्षा मेडल, जबकि 1971 के युद्ध में भागीदारी के लिए पश्चिमी स्टार एवं संग्राम सेवा मेडल से सम्मानित किया गया। सेना से वर्ष 1980 में सेवानिवृत्त होने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन ने 2 अप्रेल 1991 को उन्हें प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। सेवानिवृत्ति के बाद भी वे सामाजिक जीवन में सक्रिय रहे और बाबरा ग्राम पंचायत में उपसरपंच के पद पर भी सेवाएं दीं।
पूर्व कैप्टन राठौड़ के ज्येष्ठ पुत्र शिक्षाविद् रणजीत सिंह एवं अनुज पुत्र रणधीर सिंह ने बताया कि शनिवार तड़के जयपुर के निजी अस्पताल में उनका निधन हुआ। गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार शाम को उनके पैतृक गांव बाबरा में किया गया।
कैप्टन हनुमान सिंह राठौड़ ने भारतीय सेना की फर्स्ट फील्ड रेजीमेंट में तैनात रहे थे। उन्होंने झांसी, पटियाला, अंबाला कैंट और नासिक में रहते हुए सेना में सेवा दी थी।
भारतीय सेना की फर्स्ट फील्ड रेजीमेंट में तैनात कैप्टन हनुमान सिंह राठौड़ ने भारत-पाकिस्तान के मध्य 1971 के वार पर चले युद्धाभ्यास में टैंक से निशाना लगाने का टारगेट दिया था। उस दौरान कैप्टन हनुमान सिंह राठौड़ के अतिरिक्त कोई भी निशाना सटीक नहीं साध सका।
कैप्टन राठौड़ ने दो किलोमीटर दूर पेड़ पर बिलकुल सटीक निशाना साधते हुए तय टारगेट पूरा किया था। इस पर जनरल ने उन्हें मौखिक रूप से शाबाशी दी थी।
Published on:
14 Dec 2025 08:30 am
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