
जागो जिम्मेदारों, फिर से नहीं बुझ जाए किसी घर का दीपक
पाली. बरसात के साथ शहर में पैदा हो रहे खतरे को जिम्मेदार भांप नहीं पा रहे है। शहर में जिम्मेदारों की नजरों में वह स्थान आ ही नहीं रहे है। जिन स्थानों ने कई घरों के दीपक बुझा दिए है। इन जगहों को देखकर कई परिवार का दर्द हरा हो जाता है। जिन्होने असमय ही अपनों को खोने का दर्द झेला है। दरअसल, शहर में बरसात के बाद आस-पास के क्षेत्रों में कई बरसाती गड्ढें पूरी तरह पानी से भर चुके है। इस मौसम में मौज मस्ती के चक्कर में मासूम बच्चे व बड़े भी इन गड्ढों में उतर जाते है। कई बार यह गड्ढें लोगों के लिए जानलेवा साबीत हुए है। पिछले तीन सालों की बात करें तो ऐसे ही गड्ढों में डूबने से शहर में 20 से ज्यादा मौत हो चुकी है। लेकिन, इसके बाद भी जिम्मेदारी की आंखें नहीं खुल रही है। आज भी इन गड्ढों के बाहर किसी प्रकार की चेतावनी लिखी गई है। और न ही इसमें उतरने वाले लोगों को रोकने के लिए कोई प्रयास।
नया गांव - नया गांव ट्रांसपोर्ट नगर के समीप जलदाय विभाग व हुनमान मंदिर में सामने एक बरसाती नाडी। हर बार बरसात में यह भर जाती है। इसके आगे किसी प्रकार का चेतावनी बोर्ड नहीं लगा हुआ है। जबकि, वर्ष 2016 में इस नाडी में डूबने से तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई। तीन बच्चें गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने आए थे। और विसर्जन के बाद इस नाडी में स्नान करने लगे। और डूबने से तीनों की मौत हो गई।
सुमेरपुर बाईपास - सुमेरपुर बाई पास रोड सदर थाने के समीप पूल के लिए नीचे काफी पानी इक्क्ठा रहता है। यहां काफी संख्या में लोग व बच्छे मछली पकडऩे व स्नान करने के लिए आते है। गत वर्ग जून माह में ही हैदर कॉलोनी का एक 13 वर्षिय बालक इस पानी में डूब गया था। इसे पहले भी इस पानी में डूबने के कई लोगों की मौत हो चुकी है।
हेमावास बांध ओटा - शहर से परिणहारी चौराहा जाने के दौरान बीच में हेमावास बांध का ओटा आता है। यहां वर्षभर पानी भरा रहता है। यहा चेतावनी बोर्ड नहीं होने से काफी लोग प्रतिदिन यहां स्नान करते नजर आएंगे। गत वर्ष जून माह में इसी गड्ढे में डूबने से फालना नगर पलिका के पार्षद सहित तीन जनों की मौत हो गई थी। इससे पहले भी इस गड्ढें में कई लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन, इसके बाद भी इसे पर आज तक किसी जिम्मेदार की नजर नहीं जा रही।
चादर वाला बालाजी - शहर के मध्यम लाखोटियों तालाब का पिछला हिस्सा। यहां हर समय काफी मात्रा में पानी भरा रहता है। बरसात के समय यह पूरी तरह से लबालब हो जाता है। आस-पास के क्षेत्रों के लोग व बच्चें इसी पानी में अटखेलियां करते नजर आते है। कई बार यहां डूबने के कारण लोगों की मौत भी हो चुकी है। लेकिन, इन हादसों को रोकने के लिए अभी तक यहां कोई भी चेतावनी बोर्ड नहीं।
Published on:
23 Jul 2018 11:45 am
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