
एमसीआई की मान्यता लेने नर्सिंग हॉस्टल को बनाया रेजिडेंट हॉस्टल, अब नर्सिंग विद्यार्थी को रहना पड़ रहा किराए के घरों में
पाली. जिले में मेडिकल कॉलेज को शुरू करने के लिए मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने सभी सम्भव प्रयास किए। कॉलेज को शुरू करने के लिए कई नियमों के तोड़ भी निकाले गए। लेकिन, अब जब कॉलेज शुरू हो गया है तो कॉलेज अधिकारी नियमों के लिए बदली व्यवस्थाओं को फिर ने नहीं बदल रहे है। इसका खामियाजां भी कई लोगों को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल, पाली मेडिकल कॉलेज को शुरू करने के लिए एमसीआई की मान्यता आवश्यक थी। इसके लिए कॉलेज प्रशासन को एमसीआई के सभी मानकों को पूरा करना था। इसके लिए मेडिकल कॉलज में अस्पताल परिसर में नर्सिंग विद्यार्थियों के लिए बने हॉस्टल को रेजिडेंट डॉक्टरों का हॉस्टल बना दिया। अब पिछले 6 माह से इसमें रेजिडेंट डॉक्टर भी रह रहे है। लेकिन, जिन नर्सिंग विद्यार्थियों के लिए यह हॉस्टल बना था। वह विद्यार्थी वर्तमान में शहर में किराए के घरों में रह रहे है।
सर्व सुविधा युक्त है हॉस्टल
अधिकारियों ने बताया कि यह हॉस्टल नर्सिंग विद्यार्थियों के लिए एनआरएचएम के तहत बनाया गया है। यह पूरा प्रोजेक्ट 4.5 करोड़ रुपए का है। इस हॉस्टल की दो बिल्डिंग है। एक छात्राओं व एक छात्राओं के रहने के लिए। प्रत्येक बिल्डिंग में 45 कमरे है। और इन दोनों बिल्डिंग में 180 विद्यार्थी रह सकते है। इस हॉस्टल में विद्यार्थियों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध है। विद्यार्थियों को सिर्फ अपने कपड़े लेकर हॉस्टल में प्रवेश लेना होगा।
3 से 5 हजार प्रतिमाह किराया भर रहे है विद्यार्थी
बांगड़ अस्पताल परिसर में संचालित होने वाले जीएमएम सेंटर के विद्यार्थियों ने बताया कि वर्तमान में सभी विद्यार्थियों को अस्पताल के आस-पास के मोहल्ले में कमरे लेकर रहना पड़ता है। क्षेत्र के अनुसार उनके कमरों का किराया 2 से 5 हजार रुपए तक प्रतिमाह है।
कुछ समय के लिए रोका गया है रेजिडेंट
- अभी नर्सिंग हॉस्टल में रेजिडेंट डॉक्टरों को कुछ समय के लिए रोका गया है। अभी नर्सिंग विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल में सुविधाओं का विस्तार भी बाकी है। जल्द ही इसे नर्सिंग विद्यार्थियों के लिए शुरू कर दिया जाएगा।
- झुमरलाल, प्रधानाचार्य, जीएन एमटीसी, पाली
Published on:
20 Jul 2018 11:37 am
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