8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तनाव मुक्त जीवन का पढ़ाया पाठ

- आईएमए की ओर से कार्यशाला आयोजित

less than 1 minute read
Google source verification

पाली. विश्व स्वास्थ्य दिवस पर शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व ग्लोबल हॉस्पिटल माउंट आबू के संयुक्त तत्वावधान में डिप्रेशन - लैट अस टॉक थीम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ता बांगड़ अस्पताल में मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. दलजीतसिंह ने डिप्रेशन के कारण व इसके दुष्प्रभाव बताए।

डॉ. राणावत ने बताया कि पिछले एक साल में उन्होंने डिप्रेशन के मरीजों के साथ नया प्रयोग किया है। वह प्रयोग सफल भी रहा है। उन्होंने अपने मोबाइल नम्बर सभी डिप्रेशन के मरीजों को दे रखे है। डिप्रेशन की स्थिति में मरीज डॉक्टर को फोन करते है और डॉ. राणावत फोन पर ही मरीज का डिप्रेशन कम करने की कोशिश करते है। उन्होंने बताया कि इस तरह की प्रक्रिया में उन्हें कई बार घंटों तक लग जाते हैं, लेकिन उनका यह प्रयोग पूरी तरह से सफल गया है। कार्यशाला के दौरान पीएमओ डॉ. एमएस राजपुरोहित, डॉ. पारस खींची, डॉ. महावीर सुराणा, डॉ. विपुल नागर, डॉ. प्रवीण गर्ग, डॉ. एचएम चौधरी, डॉ. केएल मंडोरा, डॉ. ललित शर्मा, डॉ. एएल योगी आदि मौजूद थे।

इधर, चिकित्सा विभाग की ओर से संगोष्ठी का आयोजन

इधर, चिकित्सा विभाग की ओर से नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्र में डिप्रेशन पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर संस्थान के प्रधानाचार्य केसी सैनी ने बताया कि विश्व की करीब बीस से पच्चीस प्रतिशत जनसंख्या अवसादग्रस्त है। आरसीएचओ डॉ. दीपक तंवर ने बताया कि संयमित जीवन, स्वस्थ्य आहार विहार, नियमित योगाभ्यास, ध्यान एवं प्राणायाम के द्वारा काफी हद तक अवसाद को रोका जा सकता है। संगोष्ठी में प्रशिक्षक जिस्मा जोन, लूसी चाको, रोसम्मा मैथ्यु व मदन गोपाल वैष्णव सहित कई प्रशिक्षणार्थी मौजूद थे।