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World Water Day 2025: पाली जिले में वर्ष 2024 में मेघों ने इतना पानी बरसाया कि बांधों व तालाबों के साथ कुएं, बावड़ियां व ट्यूबवेल तक लबालब हो गए। जिले में पिछले साल मानसून से पहले भू-जल का स्तर 14.94 मीटर था। जबकि मानसून के बाद यह 9.75 पर पहुंच गया। भू-जल स्तर मानसून के पहले की तुलना में 5.19 मीटर बढ़ा। इसके बावजूद रोहट और पाली ब्लॉक को छोड़कर पूरा जिला डार्क जोन श्रेणी में है। इसका कारण है भू-जल का अत्यधिक उपयोग। यह हालात तब है जब जिले में पेयजल के लिए ज्यादातर सतही जल का उपयोग किया जाता है। यदि ऐसा नहीं हो तो जिले के अधिकांश भागों का भू-जल ओर अधिक नीचे जा सकता है।
रायपुर ब्लॉक में औसत जलस्तर में सबसे अधिक वृद्धि हुई। वहां 7.89 मीटर तक पानी ऊपर आया। वहीं रोहट ब्लॉक में सबसे कम 2 मीटर की वृद्धि हुई। जबकि वर्ष 2023 में रानी स्टेशन ब्लॉक में औसत जल स्तर में सबसे अधिक वृद्धि 6.53 मीटर की हुई थी। जबकि जैतारण ब्लॉक में सबसे कम 1 मीटर की वृद्धि हुई थी।
पाली व रोहट ब्लॉक में पानी खारा है। इस कारण पाली व रोहट में भूजल स्तर ऊंचा है। भूजल दोहन कम होता है। पाली पंयायत समिति अर्द्धसंवेदनशील व रोहट पंचायत समिति सुरक्षित श्रेणी में है। इसके अलावा पाली की सभी पंचायत समिति अति दोहित श्रेणी (डार्क जोन) में आते हैं। पिछले दो साल से अच्छी बरसात के कारण पाली जिले में भू-जल स्तर में सुधार हुआ है।
जगदीश डांगी, प्रभारी, भूजल वैज्ञानिक, भूजल विभाग, पाली
Published on:
22 Mar 2025 10:29 am
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