7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

MONSOON 2025 Rain Forecast: इस साल के मानसून की बारिश की हो गई भविष्यवाणी, जानें पूर्वानुमान

Bikaner Weather News: गंगाशहर क्षेत्र में चांदमलजी के बाग के पास स्थित खारिये कुंए के पास उपनगरीय क्षेत्र गंगाशहर की स्थापना के समय से हर वर्ष होलिका दहन के रोज पानी से भरी मटकी जमीन में दबाते है।

2 min read
Google source verification

मिट्टी में दबाई मटकी

Monsoon 2025 Weather Forecast: मौसम विभाग के सटीक पूर्वानुमानों के बीच बीकानेर के गंगाशहर उपनगर में मौसम की भविष्यवाणी करने की परम्परा रियासत काल से चली आ रही है। आज भी जारी इस परंपरा के तहत होलिका दहन के रोज गुरवार को एक साल पहले इसी दिन जमीन में पांच फीट गहराई में दबाई पानी से भरी मटकी को खोदकर निकाला जाता है। मटकी सूखी निकलने से इस वर्ष मानसून कमजोर रहने की घोषणा की जाती है।

गंगाशहर क्षेत्र में चांदमलजी के बाग के पास स्थित खारिये कुंए के पास उपनगरीय क्षेत्र गंगाशहर की स्थापना के समय से हर वर्ष होलिका दहन के रोज पानी से भरी मटकी जमीन में दबाते है। अगले वर्ष होलिका दहन के ही दिन सुबह जमीन से मटकी निकाल कर उसमें भरे पानी की स्थिति को देखते है। इसके आधार पर आगामी मौसम की घोषणा करने की परंपरा चली आ रही है। इस बार मानसून कमजोर रहने के संकेत से पशुपालक चिंतित है। बारिश कम होने पर यहां पशुओं के चारे का संकट खड़ा हो जाता है।

यह भी पढ़ें : राजस्थान में यहां हुई बारिश, बिछी ओलों की सफेद चादर, इन जिलों में येलो अलर्ट

किसानों को रहता है इंतजार

क्षेत्रवासियों ने बताया कि इस क्षेत्र में अधिकतर लोग खेती बाड़ी से जुड़े होने से इस परंपरा के तहत की जाने वाली मौसम पूर्वानुमान को महत्वपूर्ण मानते है। आसपास के क्षेत्र में लोगों को भी इसका इंतजार रहता है।यहां चल रही परंपरा के अनुसार अब तक मानसून के बारे में की गई भविष्यवाणी सटीक बैठी है। इस मौके पर रमेश ओझा, अशोक भट्ठड़,मूलचंद भाटी, भंवर भाटी, दासूराम भाटी, किशन दर्ग आदि सर्व समाज के लोग पुरानी परंपरा के साक्षी बने।

सूखी निकली मटकी…

अशोक भट्ठड़ के मुताबिक गुरुवार को सर्वसमाज के प्रतिनिधियों ने गत वर्ष की मटकी को निकाला। सभी ने सूखी मटकी पाकर जमाना कमजोर यानि मानसून की बारिश कम होने की घोषणा की। फिर वहां मौजूद लोगों ने विधि विधान से गणपति, वरुण देवता, विष्णु भगवान की पूजा अर्चना मंत्रोंच्चारण के साथ मटकी पूजन किया गया। उसको उसी स्थान पर अगले होलिका दहन तक के लिए जमीन में पांच फीट गहराई में दबा दिया गया।

उत्सुकता…फोन पर पूछते रहे भविष्यवाणी

इस बार गुरुवार को सर्वसमाज के लोगों ने जैसे ही गत वर्ष जमींदोज की पानी की मटकी को निकाला और सर्वसमति से इस वर्ष जमाना कमजोर रहने की घोषणा की। आसपास के गांवों के लोगों और उनके रिश्तेदारों के उत्सुकता से भविष्यवाणी जानने के लिए फोन आने शुरू हो गए। इस परंपरा से पिछले कई दशक से जुड़े रमेश ओझा ने बताया कि पूवजों के मुताबिक गंगाशहर की स्थापना के समय से होलिका दहन का कार्यक्रम यहां चल रहा है। पिछले साल जमीन में दबी पानी से भरी मटकी को निकालने के साथ विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। इसके साथ पानी से भरी नई मटकी को करीब 5 फीट गहरे गड्ढे में गाड़ने की परंपरा का निर्वाहन किया जाता है।

यह भी पढ़ें : Rajasthan Weather Update: राजस्थान के 12 जिलों में आज मेघगर्जन और वज्रपात का येलो अलर्ट, इन 9 जिलों में चलेगी आंधी