युवाओं में गैर जरूरी खर्च का चलन बढ़ने के साथ लग्जरी लाइफ जीने की ख्वाहिश ने युवाओं को कर्ज के लपेटे में लेे लिया है। महंगे शौक में उनका खर्च बढ़ गया हैं। एक दोस्त आईफोन लेता है तो दूसरा भी ले आता है। बाइक अच्छी लगती है तो खरीद लेते हैं। टीवी, फ्रीज, एसी सब लोन पर हैं। मूवी देखने जा रहे हैं तो पेमेन्ट क्रेडिट कार्ड से कर रहे हैं। क्योंकि लोन की सुविधा झटपट मिल रही है।
मोबाइल एप, प्राइवेट बैंक एवं विभिन्न कंपनियों के आसान किस्तों पर मिलने वाले प्रोडक्ट की चाह में युवा ऑनलाइन मिलने वाले कर्ज के जाल में जकड़ते जा रहे हैं। फोन और एप से पर्सनल लोन धड़ल्ले से ले हैं। कई युवाओं का मानना है कि इसका मुख्य कारण उनकी खर्चीली लाइफ स्टाइल है। युवा स्वयं को दूसरों से कमतर आंकने से परहेज करते हैं।
लोगों का मानना है कि अधिकांश मामलों में दिखावे के कारण ऐसा हो रहा है। रोजगार का ठिकाना नहीं हैं। घरवालों से महंगे शौक के लिए पैसे लेना भी टेढ़ी खीर है। ऐसे में ऑनलाइन लोन आसानी से मिल जाता है। इसलिए वे कर्ज से शौक पूरे कर रहे हैं।
ऑनलाइन लोन लेने की बजाय बैंक से ही लोन लें। उसमें पारदर्शिता पूरी होती है। ऑनलाइन में बिना पारदर्शिता लोन दिया जाता है। उससे लोनधारक को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोन तुरंत मिल रहा जाने से युवा इस दलदल में फंस जाते हैं। लोन लेना सही है या नहीं, यह आपकी चुकाने की क्षमता पर निर्भर करता है। ऐसा लोन लें जिसे आप चुका सकें। तुरंत मिलने वाले लोन में ब्याजदर भी अधिक होती है।
बैकिंग एक्सपर्ट
सुधाकर दुबे, लीड बैंक मैनेजर, पाली