रुपए की चाह ने छह जनों ने मिलकर सोजत उप प्रधान कन्हैयालाल ओझा का अपहरण करवा दिया। चार दिन तक उप प्रधान को जंगल में रखा और आरोपियों ने फिरौती के रूप में पचास लाख रुपए मांगे। युवती के साथ मिलकर छह आरोपियों ने उप प्रधान से 18 लाख रुपए फिरौती के रूप में वसूले और छोड़ा। पकड़े जाने पर आरोपियों ने खुलासा किया कि रुपए वसूलने की चाह में यह अपहरण किया गया। इस घटनाक्रम के बाद हर कोई दहशत में है।
पाली में औसतन हर माह 20 से अधिक बाइक चोरी की वारदात हो रही है। खासकर कम उम्र के नाबालिग अपराध कर रहे हैं। आसानी से मोटरसाइकिल चुराकर सस्ते दाम में बेच कर रुपए काम रहे हैं। हाल ही में गत सप्ताह सोजत सिटी थाना पुलिस ने एक गिरोह पकड़ा, इसमें तीन नाबालिग को संरक्षण में लिया और एक आरोपी को गिरफ्तार किया। उनसे चोरी की 12 मोटरसाइकिलें बरामद की। पूछताछ में उन्होंने काम धंधे नहीं होने से चोरी की सस्ते में मोटरसाइकिलें बेचना कबूला। पुलिस ने लिए ऐसे गिरोह सिरदर्द है और आमजन के लिए मुसीबत वाले। आमजन की अपनी मेहनत के वाहन चोर चुरा रहे हैं।
कोरोना लॉकडाउन के दौरान पाली जिले में महिलाओं के जेवरात व कंठियां व आमजन को लूटने की दस से अधिक वारदातें हुई। एक ही दिन में चार-चार वारदातों से महिलाओं में दहशत है। सादड़ी व सिरियारी थाना पुलिस ने कंठी लूट के गिरोह पकड़े। उन्होंने पूछताछ में खुलासा किया कि बेरोजगार होने के कारण अपराध की राह पकड़ ली। राह चलती महिलाओं की कंठियां लूटते और सस्ते में बेच देते। इन वारदातों से आमजन खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। घर निकलना सुरक्षित नहीं है।
इसमें कोई शक नहीं कि युवा बेरोजगार है। बाजार बंद होने से रोजगार के साधन भी बंद है। इससे युवा अपराध की राह पकड़ रहा है। यह सिलसिला तभी रुक सकता है कि जब सरकार व प्रशासन युवाओं व आमजन के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध करवाए। पुलिस तो अपराध होने पर उसका खुलासा कर सकती है, लेकिन अपराध तभी रुकेंगे जब हर किसी के पास रोजगार होगा।