शहर के इकलौत बस स्टैंड़ में सवारियों का मेला दिखा। बस स्टैंड के यात्री प्रतिक्षालय में गुरुवार दोपहर, जिनमें महिला, पुरुष बच्चे सैकड़ो की संख्या में असुविधाओं को सहन करते हुए, घंटों इंतजार करते रहे। वहीं विभिन्न इलकों के लिए जाने वाली बस महज देखते-देखते फुल हो जाती थी। सीट के लिए यात्रियों के द्वारा कंडक्टर को एक्सट्रा किराया तक देने के लिए याात्रियों को मजबूर होना पड़ा। वहीं बस स्टैंड़ के यात्री प्रतिक्षालय में गंदगी व परिसर के अंदर संचालित दुकानें परेशानी का कारण बनी। वहीं बस कंडक्टरों के द्वार सीमित परिसर के अंदर ही कुर्सी लगा कर बैठ जाते है।
साईड खिड़की, फॉस्टेड बाक्स व अन्य सुविधाओं की अनदेखी
वही यात्रियों का परिवहन करने वाले बस संचालकों के द्वार यात्री बसों में अपातकालीन खिडकी को भी बंद कर सवारी बैंठा रहे है। साथ ही शहर के जिले के विभिन्न ग्रामीणांचलो ंके सफर करने वाले इन वाहनों में फास्टेड़ बाक्स, अग्नीशामक यंत्र व अन्य सुरक्षा के उपकरणों को भी दरकिनार कर रहे है। वहीं इन बसों में दो सीट वाली जगह में कंडक्टर के द्वारा तीन या चार सवारियों बैठाया जा रहा है।
सीजन के चलते हो रही भीड़ के साथ, यात्री बसों की छत पर भी लगेज लाद रहे है। गौरतलब है कि खस्तहाल सड़कों के कारण ओवर लोड़ वाहनों के हादशों की घटनाएं होने के बाद भी परिवहन विभाग के द्वारा अनदेखी की जा रही है। परिवहन विभाग की इस अनदेखी के कारण किसी दिन बड़ी घटना होने की संभावना है।