पन्ना

शहर के पीने के लिए आरक्षित लोकपाल सागर तालाब का पानी किसानों को सिंचाई के लिए देगा जिला प्रशासन

नगर पालिका के विरोध के बाद भी शहर को पेयजल के लिए आरक्षित पानी अब किसानों को दिए जाने के निर्णय के खिलाफ उठने लगे विरोध के स्वरकांग्रेस नेताओं और किसानों ने बीते दिनों पानी की मांग को लेकर किया था चक्काजाम आंदोलनतालाब से सिंचाई के लिए पानी देने की मांग को लेकर पूर्व में भी किसानों व कांग्रेस नेताओं ने सौंपा था ज्ञापन

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Dec 04, 2022
लोकपाल सागर तालाब का फाइल फोटो

पन्ना. बीते गर्मी के सीजन में ही पन्ना शहर के ५० साल के इतिहास का सबसे बड़ा जल संकट झेला है। उस दर्द से अभी तक शहर उबर भी नहीं पाया है, अभी भी ४८ घंटों में सिर्फ १ घंटे के लिए शहर के लोगों को पानी की सप्लाई हो रही है। इसके बाद भी जिला प्रशासन ने शहर को पेयजल की आपूर्ति के लिए आरक्षित लोकपाल सागर तालाब के पानी को किसानों को सिंचाई के लिए सप्लाई करने का फैसला किया है, जबकि इस प्रस्ताव का नगर पालिका की ओर से बैठक में विरोध भी किया गया था। जिला प्रशासन के इस निर्णय के विरोध में शहर के लोगों के बीच भी विरोध के स्वर तेज होने लगे हैं।


गौरतलब है कि शहर को पानी की जरूरत का करीब ८० फीसदी जल सप्लाई लोकपाल सागर, धरम सागर और निरपत सागर तालाब से की जाती है। तीनों तालाबों में लोकपाल सागर तालाब की क्षमता सबसे अधिक है। बीते सीजन के जल संकट को देखते हुए नगर पालिका की ओर से तालाब के पूरे पानी को शहर को पेयजल के लिए आरक्षित कराने की बात कही गई। इस सीजन में औषत से अधिक बारिश होने और तालाब में जल भराव भी बीते साल की अपेक्षा अधिक होने का हवाला देते हुए तालाब से लगे करीब आधा दर्जन गांवों के किसानों ने कांग्रेस नेताओं की अुगवाई में करीब एक पखवाड़े पूर्व सिंचाई के लिए पानी देने की मांग को लेकर स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद करीब एक सप्ताह पूर्व चक्का जाम भी किया गया था। इसके बाद जिला प्रशासन के जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित कर शहर के लोगों को पीने के लिए जरूरी पानी को किसानों को सिंचाई के लिए देने का फैसला कर लिया।


सीएमओ ने कहा, हमे तालाब का पूरा पानी चाहिए
किसानों के आंदोलन के बाद शहर के लोगों के पीने के लिए आरक्षित पानी को खेतों की सिंचाई को देने के लिए एक बैठक भी आयोजन की गई थी। सीएमओ वसंत चतुर्वेदी ने बताया, जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव आया था। जिसका हमने विरोध किया था। सीएमओ का कहना है कि पीने के पानी की सप्लाई के लिए हमें तो तालाब के पूरे पानी की जरूरत है, क्योंकि बारिश में धरम सागर तालाब पूरी तरह से नहीं भर पाया है। लिए आरक्षित पानी को यदि खेतों की सिंचाई के लिए सप्लाई किया जाता है तो पन्ना शहर को आगामी सीजन में भी बीते सीजन जैसे जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

शीघ्र ही नहर से पानी छोड़ा जाएगा
सीएमओ के विरोध के बाद भी जनप्रतिनिधियों दबाव में आकर कलेक्टर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पानी का पानी खेतों को देने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में कार्यपालन यंत्री सतीश शर्मा ने बताया कि अब पन्ना शहर के पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नगर पालिका पन्ना की मांग अनुसार आरक्षित पानी के अलावा शेष पानी कमाण्ड क्षेत्र के कृषकों की मांग अनुसार एक पानी प्रदान किया जाएगा। कृषकों से पानी का मितव्ययिता से उपयोग करने तथा जलकर की बकाया राशि जमा करने की अपील भी की गई है। जल संसाधन विभाग द्वारा नहर की सफाई का कार्य प्रारंभ करा दिया गया है। शीघ्र ही नहर से पानी छोड़ा जाएगा।


किसानों ने मनाया जश्न
किसानों तालाब का पानी खेतों की सिंचाई के लिए दिए जाने के लिए बीते कई दिनों से संघर्ष कर रहे थे। जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में सिंचाई के लिए पानी छोड़ जाने का निर्णय लिए जाने के बाद किसानों और कांग्रेस नेताओं ने प्रसन्नता जताई है। कांग्रेस नेताओं और किसानों ने इसे अपनी बड़ी जीत बताया है। वहीं जिला प्रशासन के इस निर्णय ने शहर क ेलोगों की नीदें उड़ा दी है। जिला प्रशासन के लापरवाही के कारण ही कुछ महीनों पूर्व ही शहर के लोगों ने ऐतिहासिक जल संकट झेला। जिला प्रशासन का यह निर्णय भी पूरे शहर को जल संकट की ओर ढकेल सकता है।


हमें तो तालाब का पूरा पानी चाहिए। बैठक में भी हमने विरोध किया था। यदि पानी खेतों के लिए दिया जाता है तो नगर को बीती गर्मी के जैसे ही जल संकट का सामना आगामी गर्मी के सीजन में भी करना पड़ सकता है।
वसंत चतुर्वेदी, सीएमओ


नगर पालिका की ओर से किसानों को लोकपाल सागर तालाब का पानी दिए जाने का विरोध किया गया था। शहर के लोगों को पानी की सप्लाई के लिए तालाब के पूरे पानी की जरूरत होगी। इस संबंध में कलेक्टर से मिलकर चर्चा करेंगे।
मीना पांडेय, नपाध्यक्ष

नगर पालिका को १.४ एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी की जरूरत है। किसान सिफ एक सिंचाई के लिए पानी मांग रहे थे। जिससे उन्हें सिर्फ एकबार की सिंचाई के लिए ही नहर से पानी छोड़ा जाएगा।
सतीश शर्मा, ईई डब्लयूआरडी

Published on:
04 Dec 2022 10:22 pm
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