जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में सबसे अधिक 573 पाए गए हैं। यहां पन्ना टाइगर रिजर्व के अंदर 256 तेंदुए पाए गए हैं। जबकि टाइगर रिजर्व से लगे सामान्य वन मंडलों में रहने वाले तेंदुए जो टाइगर रिजर्व का भी उपयोग करते हैं उनकी संख्या 317 पाई गई है। दोनों ही मामलों में यहां तेंदुओं की संख्या प्रदेश में सबसे अधिक है। इससे पहले जारी हुए आंकड़ों में भी पन्ना में सबसे अधिक तेंदुए पाए गए थे। दूसरे स्थान पर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व आता है, यहां कुल 471 तेंदुए पाए गए हैं। यहां टाइगर रिजर्व के अंदर 215 और टाइगर रिजर्व का उपयोग करने वाले 256 तेंदुए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार रायसेन जिले में 250 से अधिक तेंदुए हैं, इनमें लगभग 180 तेंदुए केवल रातापानी में होने का अनुमान है। रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में तेंदुओं की आबादी लगभग 13,874 है। तेंदुओं की यह आबादी 2018 में 12,852 दर्ज की गई थी। लेकिन मौजूदा गणना के उपरांत तेंदुओं की आबादी में 7.95 फीसदी का इजाफा हुआ है। पूरे देश की बात की जाए तो सबसे ज्यादा 3,907 तेंदुओं के साथ मध्य प्रदेश पहले पायदान पर हैं। देश में तेंदुओं की सर्वाधिक संख्या मध्य प्रदेश में है।
पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्रीय वनों उत्तर वन मंडल और दक्षिण वन मंडल में भी बड़ी संख्या में तेंदुए पाए जाते हैं। तेंदुआ पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र से बाहर बफर व टेरिटोरियल के जंगल में सुरक्षित नहीं है। यहां स्थित पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र को अगर अलग कर दें तो बफर क्षेत्र और उत्तर तथा दक्षिण वन मंडल का जंगल तेंदुओं के लिए सुरक्षित नहीं बचा है। तकरीबन 50 से 60 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़नेे की क्षमता रखने वाला यह वन्यजीव शिकारियों के निशाने पर रहता है। पन्ना से लगे उत्तर वन मंडल के विश्रामगंज वन परिक्षेत्र तथा अजयगढ़ से लगे धरमपुर वन परिक्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन और जंगल की कटाई हो रही है, उससे वन्यजीवों के स्थान का तेजी से क्षरण हुआ है। आबादी वाले इलाकों के आसपास मौजूदगी से इंसानों और तेंदुओं के बीच संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ी हैं।
टाइगर रिजर्व पार्क क्षेत्र आसपास कुल पन्ना टाइगर रिजर्व 256 317 573 सतपुड़ा टाइगर रिजर्व 215 256 471 बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व 146 176 322 कान्हा टाइगर रिजर्व 157 209 366
पन्ना टाइगर रिजर्व में तेंदुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। यह सख्त टीमवर्क से ही संभव हो पाया है। पन्ना टाइगर रजिर्व में बाघ और तेंदुओं सहित सभी प्रकार के स्पिसीज की संख्या में इजाफा हुआ है।
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