
bjp candidate first list give ticket to scindia: गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में केन्द्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम की घोषणा शनिवार को देर शाम हो गई। इनके नाम की घोषणा होते ही गुना के सिंधिया समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और गुना शहर में एक-दो जगह उनके समर्थक और भाजपा नेताओं ने मिठाई बांटी और आतिशबाजी की, भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक जैसे कई नेता ढोल की थापों पर थिरकते हुए नजर आए।
डा. केपी यादव का टिकट कटने की वजह भाजपा नेता सिंधिया का भाजपा की राजनीति में प्रभाव होना बताया जा रहा है। इसके चलते उनका टिकट कटा। राजनैतिक सूत्र बताते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सबसे पहला चुनाव सन् 2001 में गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से माधवराव सिंधिया के निधन से खाली हुई इस सीट से लड़ा था, जिसमें वे विजयी हुए थे, उसके बाद से सन् 2019 के लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस से सांसद थे। मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद वे राज्यसभा सदस्य बने और केन्द्र सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री हैं। पिछले दिनों इस लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के लिए रायशुमारी करने प्रदेश सरकार की मंत्री कृष्णा गौर गुना आई थीं, उनके समक्ष 200 आमंत्रित नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अपनी रायशुमारी दी थी, जिसमें सबसे पहला नंबर ज्योतिरादित्य सिंधिया का और दूसरा नंबर डा. केपी यादव का था। पत्रिका ने अपनी प्रकाशित खबर में इसका उल्लेख भी किया था।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने सांसद कार्यकाल में गुना के लिए सबसे बड़ी सौगात एफडीडीआई और स्पाइस पार्क हैं। भले ही इनका विस्तार नहीं हो पाया हो, लेकिन यह गुना की पहचान बने हुए हैं।
सूत्रों की मानें तो गुना संसदीय क्षेत्र में सांसद डा. केपी यादव और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों के बीच गुटबाजी चलती रही। इसके चलते कई बार शिला पट्टिका में सिंधिया और केपी यादव के नाम नहीं लिखे गए थे। हाल ही में गुना में खुले पासपोर्ट कार्यालय का शुभारंभ करने सिंधिया पिछले माह आ रहे थे। किसी कारण वश यह कार्यक्रम टल गया। हाल ही में केपी यादव पासपोर्ट कार्यालय का निरीक्षण करने गए तो वहां उनके समर्थकों ने उनसे नारियल फोड़वाकर और फीता कटवाकर पासपोर्ट कार्यालय का लोकार्पण दिया था। यह अलग बात है कि पासपोर्ट कार्यालय पहले से ही काम कर रहा है।
इस संसदीय क्षेत्र की बात की जाए तो यहां निर्णायक के रूप में यादव समाज है जिसके लगभग सवा दो लाख वोट हैं। दूसरे न्बर पर अनुसूचित जाति जिसके वोट दो लाख, रघुवंशी, धाकड़, ब्राहण समाज के वोट भी बहुतायत संख्या में हैं। वर्तमान में गुना संसदीय क्षेत्र में भाजपा की छह और कांग्रेस की दो सीटें हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के समय सीटों पर नजर डाली जाए तो यहां आठ सीटों में कांग्रेस की पांच और भाजपा की तीन सीटें थीं। इस बार आठ सीटों में से छह में भाजपा ओर दो में कांग्रेस है। गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में गुना, बमौरी, अशोकनगर की अशोकनगर, मुंगावली, चंदेरी, शिवपुरी की कोलारस, शिवपुरी और पिछोर विधानसभा सीट आती हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में 16 लाख पांच हजार 613 मतदाता थे, जिसमें डा. केपी यादव ने सिंधिया को एक लाख 25 हजार 549 वोटों से हराया था।
Updated on:
03 Mar 2024 09:35 am
Published on:
03 Mar 2024 09:33 am
बड़ी खबरें
View Allगुना
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
