
Lok Sabha Election 2024 bjp candidate for gwalior seat: भाजपा ने ग्वालियर में अपनी जीत के लिए जातिगत समीकरण पर दांव खेला है। इस संसदीय क्षेत्र से पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाह को अपना उम्मीद्वार बनाया है। तकरीबन साढ़े तीन लाख कुशवाह वोटर के सहारे भाजपा जनाधार मजबूत करेगी। इसमें नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी होने से ठाकुर-क्षत्रिय वोटर को साधा जाएगा। प्रदेश सरकार के पिछले कार्यकाल में राज्यमंत्री रहे भारत सिंह कुशवाह को हाल में विधानसभा चुनाव में ग्वालियर ग्रामीण सीट से हार का सामना करना पड़ा था।
ग्वालियर लोकसभा सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद सबसे सशक्त दावेदार भारत सिंह को ही माना जा रहा था। सिंधिया के लिए गुना और ग्वालियर दोनों ही सुरक्षित सीट थीं, लेकिन भाजपा ने उनको गुना लोकसभा से उम्मीद्वार बनाया तो भारत सिंह का रास्ता साफ हो गया।
सांसद विवेक नारायण शेजवलकर और उम्मीद्वार बनाए गए भारत सिंह कुशवाह की यह तस्वीर भाजपा के टिकट घोषित होने से एक दिन पहले शुक्रवार की है। दोनों की निगाहें टिकट पर थीं, लेकिन भाजपा ने सादगी पसंद नेता की जगह जीत के जातिगत समीकरण को आगे बढ़ाया। ग्वालियर लोकसभा से कुशवाह भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए हैं। अब शेजवलकर पार्टी की जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन आखिरी वक्त में उन्होंने अयोध्या जाने वाली आस्था स्पेशल ट्रेन को ग्वालियर स्टेशन से हरी झंडी दिखाने के कार्यक्रम में जाना ही टाल दिया।
सादगी और अनुशासित नेताओं में शुमार विवेक नारायण शेजवलकर जातिगत समीकरण पर खरे नहीं उतर रहे थे। लोकप्रियता और उम्र भी उनको दोबारा उ्मीदवार बनाए जाने में आड़े आ गई। ग्वालियर में भाजपा खुद को मजबूत मानकर चल रही है और नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और राम मंदिर नवनिर्माण से उसको और बल मिल गया। ऐसे में टिकट बदलाव से उसके जीत के समीकरण प्रभावित नहीं हो रहे थे।
दांव कांग्रेस ने अशोक सिंह को राज्यसभा सदस्य बनाकर ओबीसी का दांव खेला तो इसका जवाब देने के लिए भाजपा ने भारत सिंह कुशवाह को मैदान में उतार दिया। जिन भाजपा नेताओं के नाम लोकसभा प्रत्याशी के लिए सामने आ रहे थे उनमें भारत सिंह युवा नेता है और साफ छवि के हैं। इसके साथ की ग्रामीण क्षेत्र में पकड़ भी बेहतर है। नारायण सिंह कुशवाह को ग्वालियर से मंत्री बनाया गया है इसका फायदा भी भारत सिंह को मिलेगा। अंदरूनी तौर पर नरेन्द्र सिंह भी पूरा सपोर्ट करेंगे।
भारत सिंह कुशवाह को लोकसभा का प्रत्याशी बनाने भाजपा नेता भी चौंक गए हैं। क्योंकि ग्वालियर सीट से हमेशा दमदार और मजबूत चेहरा प्रत्याशी बनता रहा है। सूची जारी होने से पहले जयभान सिंह पवैया, विवेक नारायण शेजवलकर, यशोधरा राजे सिंधिया, नरोत्म मिश्रा के नाम चर्चाओं में थे। इसलिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को उमीद थी कि इन नामों से ही कोई प्रत्याशी होगा, लेकिन विधानसभा चुनाव हार चुके प्रत्याशी को लोकसभा में उतराने पर नेता असमंजस में हैं।
उम्र : 54 वर्ष (4 सितंबर 1970)
शिक्षा : हायर सेकंडरी (1990)
राजनीति : ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा से दो बार विधायक चुने गए। 2018 में उनको खाद्य एवं प्रसंस्करण राज्यमंत्री बनाया गया। हाल में ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा से कांग्रेस के साहब सिंह गुर्जर ने उनको पराजित किया।
ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण, भितरवार, डबरा, करैरा, पोहरी। भाजपा - ४ (ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, भितरवार, करैरा) कांग्रेस - 4 (ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर पूर्व, डबरा, पोहरी)
सबसे पहले हिन्दू महासभा ने जीत हासिल की। इसके बाद यह सीट कांग्रेस के खाते में आ गई। जनसंघ की संस्थापक विजयाराजे सिंधिया भी कांग्रेस में रहते हुए यहां से सांसद निर्वाचित हुई थीं। उनके जनसंघ में जाने के बाद यह सीट जनसंघ और फिर भाजपा के पाले में आ गई। भाजपा की जीत का रथ माधवराव सिंधिया ने रोका और वे यहां से लगातार पांच बार चुने गए। इसमें कांग्रेस छोड़कर माधवराव ने अपनी बनाई पार्टी मप्र विकास कांग्रेस से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। उनकी जीत का क्रम भाजपा के जयभान सिंह पवैया ने तोड़ा। हालांकि अगले चुनाव में फिर यह सीट कांग्रेस के पास चली गई। पिछले चार चुनाव में यहां भाजपा परचम लहराती आ रही है। इस दौरान यशोधरा राजे सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर भी यहां से संसद का सफर
Updated on:
03 Mar 2024 08:46 am
Published on:
03 Mar 2024 08:37 am
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