
पत्रकारों से बात करते जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना
बिहार विधानसभा चुनाव जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की ओर से बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी पर कई गंभीर आरोप लगाए। इसपर अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर पर 100 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा था। इसके साथ ही बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। प्रशांत किशोर के करीबी और पूर्व विधायक किशोर कुमार ने कागज शेयर अशोक चौधरी से पूछा कि आपकी ओर से खरीदी गई जमीन के कागज हैं। इसपर आपको जवाब देना चाहिए। अशोक चौधरी ने कहा था कि बिना कोई ठोस कागज के प्रशांत किशोर की ओर से मेरी और मेरे परिवार की छवि खराब करना चाह रहे हैं।
पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने पत्रकारों से बात करते स्वर्गीय किशोर कुणाल के परिवार से जुड़े मानव वैभव विकास ट्रस्ट के माध्यम से प्रॉपर्टी की खरीद के डॉक्यूमेंट शेयर करते हुए दावा किया कि ये प्रॉपर्टी की खरीददारी अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी और स्वर्गीय किशोर कुणाल के बेटे सायन कुणाल के बीच वैवाहिक रिश्ता तय होने और विवाह होने के दरम्यान की गई है। इस ट्रस्ट ने इससे पहले कभी भी इतनी जमीनों की खरीदारी नहीं की है।
शादी तय होने के बाद खरीददारी से चार माह में ही हुई छह प्रॉपर्टी की खरीदारी के डिटेल हमारे पास हैं। यह सभी प्रॉपर्टी पटना के पॉश इलाकों में हैं, जिनमें 28 मार्च 2021 को श्रीकृष्णापुरी में 5.5 करोड़, 12 मई 2022 को रूपसपुर में 3.4 करोड़, इसी दिन रूपसपुर में ही 8.9 करोड़, 14 जुलाई 2022 को मैनपुरा में 7.2 करोड़, 15 जुलाई 2022 को पाटलिपुत्र में 2.05 करोड़ और पाटलिपुत्र में ही 15.50 करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदी गई है।
इन सभी के लिए करीब 47 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। लेकिन इनका बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। हम कहना चाहते हैं कि स्वर्गीय किशोर कुणाल जी या इस ट्रस्ट के ट्रस्टी जियालाल आर्या जी की छवि अच्छे लोगों की रही है। इस ट्रस्ट की सेक्रेटरी बिहार के मुख्य सचिव की माताजी प्रोफेसर कविता श्रीवास्तव हैं। लेकिन सवाल है कि जैसे ही अशोक चौधरी की बेटी की शादी सायन कुणाल से तय होती है, वैसे ही इस ट्रस्ट ने इतनी संपत्ति की खरीद क्यों की?
किशोर कुमार ने यह भी बताया कि अशोक चौधरी ने साल 2019 में अपने पीए रहे योगेंद्र दत्त से संपत्ति की खरीद कराई। फिर साल 2021 में अपनी बेटी शांभवी चौधरी के नाम पर जमीन का ट्रांसफर करा लिया। शांभवी चौधरी जिस वक्त पढ़ाई कर रही थीं, तभी उनके अकाउंट से योगेंद्र दत्त को 10 लाख रुपये दिए। बाद में इनकम टैक्स के नोटिस मिलने पर 27 अप्रैल 2025 को अशोक चौधरी ने योगेंद्र दत्त के अकाउंट में जबरन 25 लाख रुपया जमा किया। वजह कि योगेंद्र दत्त ने 4 साल बाद रुपये लेने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद छह मंत्रियों से इस्तीफ़ा लिया। सातवां तेजस्वी यादव से गठबंधन तोड़ दिया। अब हम जन सुराज की ओर से मांग करते हैं कि अशोक चौधरी से जवाब मांगें या उनके विरुद्ध कार्रवाई करें। आपके निर्णय की बिहार के लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं। अगर यह लोग इस्तीफ़ा न दें तो सीधे बर्खास्त करें। इनपर कोई कार्रवाई नहीं होगी तो हमलोग न्यायालय भी जायेंगे। लेकिन हम चाहते हैं कि पहले जनता की अदालत में न्याय हो।
Updated on:
25 Sept 2025 07:00 pm
Published on:
25 Sept 2025 06:57 pm
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