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चुनाव से पहले बिहार को बड़ी सौगात, 2192 करोड़ से बख्तियारपुर–राजगीर–तिलैया रेल लाइन होगा डबल

बिहार में बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया रेलवे लाइन का 2,192 करोड़ रुपये की लागत से दोहरीकरण किया जाएगा। इससे राजगीर और नालंदा जैसे धार्मिक स्थलों तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी।

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दिवाली और छठ पर भीड़ से निपटने के लिए भारतीय रेलवे तैयार (photo -ANI)

चुनावी मौसम में बिहार को केंद्र सरकार की ओर से बड़ी सौगात मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने बुधवार को राज्य के लिए एक अहम रेलवे परियोजना को मंजूरी दे दी। इस फैसले के तहत बख्तियारपुर–राजगीर–तिलैया रेलखंड को डबल लाइन में बदला जाएगा, जिस पर करीब 2,192 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

104 किमी का रेल सेक्शन होगा मजबूत

यह परियोजना कुल 104 किलोमीटर लंबे सेक्शन पर लागू होगी। यह रेलखंड नालंदा, गया और नवादा जैसे जिलों से होकर गुजरता है। खास बात यह है कि यह मार्ग बिहार के चार प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर स्थलों राजगीर, नालंदा, पावापुरी और बोधगया से जुड़ा हुआ है। डबल लाइन बनने के बाद यहां रेल यातायात सुगम होगा और श्रद्धालुओं व पर्यटकों को सीधा फायदा मिलेगा।

26 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई की क्षमता

इस डबल लाइन के तैयार होने से न केवल यात्री सेवाएं बेहतर होंगी बल्कि माल ढुलाई की क्षमता भी बढ़ेगी। अनुमान है कि हर साल लगभग 26 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई संभव हो सकेगी। इससे कोयला, सीमेंट, क्लिंकर और फ्लाई ऐश जैसी सामग्रियों का परिवहन तेज और आसान होगा। रेलवे की आय बढ़ने के साथ ही लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी।

13 लाख से ज्यादा आबादी को होगा फायदा

परियोजना के पूरा होने के बाद करीब 1,434 गांव और लगभग 13.46 लाख की आबादी को सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही गया और नवादा जैसे आकांक्षी जिलों की कनेक्टिविटी मजबूत होगी। इस रूट पर नई क्षमता जुड़ने से यात्रा समय घटेगा और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।

प्रदूषण और पेट्रोलियम खर्च में भी कमी

सरकार का दावा है कि इस परियोजना से पर्यावरणीय लाभ भी होंगे। हर साल करीब 24 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 1 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। साथ ही पेट्रोलियम आयात में लगभग 5 करोड़ लीटर की बचत होगी।