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Bhojpuri Singer Devi: भोजपुरी सिंगर देवी बनीं सिंगल मदर, ऋषिकेश एम्स में दिया बच्चे को जन्म

Bhojpuri Singer Devi भोजपुरी गायिका देवी सिंगल मदर बनी हैं बिहार में छपरा की रहने वाली देवी ऋषिकेश एम्स में अपने बच्चे को जन्म दिया है। उन्होंने जर्मनी में स्पर्म बैंक से गर्भधारण कर समाज के सामने एक नई मिसाल दी है।

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Bhojpuri Singer Devi

भोजपुरी सिंगर देवी। फोटो- सोशल मीडिया

Bhojpuri Singer Devi लोकप्रिय भोजपुरी लोकगायिका देवी बिना शादी की मां बन गई हैं। इसके साथ ही वे अब अपने जीवन का एक नया अध्याय शुरू किया है। देवी ने अविवाहित रहकर चिकित्सकीय पद्धति से मां बनने का साहसिक निर्णय लिया है। 9 सितंबर को ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ऑपरेशन के जरिए उन्होंने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। फिलहाल मां और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। लेकिन, अभी अस्पताल में भर्ती हैं।

देवी बिना शादी की बनी मां

देवी के पिता प्रो. प्रमोद कुमार मीडिया को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने जर्मनी में रहते हुए स्पर्म बैंक की मदद से डॉक्टरी देख रेख में गर्भधारण किया था। परिवार इस निर्णय से पहले से ही अवगत था और अब जब बच्चा सुरक्षित दुनिया में आया है तो सब बेहद खुश हैं। प्रो. कुमार ने बताया कि इसके पहले भी सात साल पहले देवी ने कृत्रिम रूप से गर्भधारण की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं हो पाई थी।

तस्वीर शेयर कर मौसी ने दी बधाई

देवी की बहन नीती कुमार ने सोशल मीडिया पर बच्चे की पहली तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है कि आज मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मैं आज मौसी बन गई। तस्वीर सामने आने के बाद देवी के प्रशंसकों और शुभचिंतकों की ओर से उनको बधाइयां दी जा रही है।

लिव-इन रिलेशनशिप

लोकगायिका देवी अपने गानों और सशक्त आवाज़ के लिए हमेशा चर्चा में रही हैं। उन्होंने लोक संगीत की परंपरा को नए आयाम दिए हैं। देश-विदेश में उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती रही है। निजी जीवन को लेकर भी वे समय-समय पर
सुर्खियों में रही हैं। वर्ष 2021 में उनके सात समंदर पार रहने वाले फैब नामक युवक के साथ लिव-इन रिलेशनशिप की चर्चाएं खूब हुई थीं। हालांकि, बाद में देवी ने अपना जीवन अपनी शर्तों पर जीने का रास्ता चुना।

चर्चा में रही है किताब

लोकगायिका देवी का यह फैसला न केवल उनकी निजी जिंदगी की बड़ी उपलब्धि है बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है। इस बात से साफ है कि लोकगायिका देवी ने समाज की परंपरागत धारणाओं को चुनौती देते हुए अपने जीवन का नया अध्याय रचा है। उनके इस साहसिक कदम से यह संदेश भी मिलता है कि मातृत्व का अधिकार स्त्री की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और इच्छाशक्ति से जुड़ा हुआ है, और इसके लिए शादी या रिश्तों पर निर्भर होना अनिवार्य नहीं। देवी ने किताब भी लिखी है। जिसकी सराहना साहित्यकारों ने की थी।