
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ सपा नेता अखिलेश यादव। फोटो- कांग्रेस सोशल साइट
Voter Adhikar Yatra: बिहार में विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है. हालांकि अभी डेट जारी नहीं हुआ है। लेकिन, माना जा रहा है कि अक्तूबर के पहले सप्ताह में इसकी घोषणा कर दी जायेगी। विपक्ष इस चुनाव में बाजी अपने हाथ करने के लिए वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर सड़क पर उतर चुका है। इसपर बिहार के साथ साथ पूरे देश में सियासी घमासान मचा है। संसद से लेकर सड़क तक पर विपक्ष इस मुद्दे पर हमलावर है। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इस मुद्दे पर पिछले 14 दिनों से बिहार में वोटर अधिकार यात्रा कर रहे हैं। इसके साथ ही वे दोनों जनता के बीच पहुंच कर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा उठा रहे हैं।
यह यात्रा अब अपने अंतिम पड़ाव में है। यात्रा को धार देने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव भी आज इस यात्रा में शमिल हुए। अखिलेश यादव कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ यात्रा में शामिल हो गए हैं। अखिलेश यादव छपरा से आरा तक की इस यात्रा में शामिल होंगे। उसके बाद वे यूपी लौट जायेंगे। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बिहार में विधानसभा को देखते हुए एक खास रणनीति के तहत इस यात्रा में अखिलेश यादव को शामिल कराया गया है।
अखिलेश यादव को यात्रा में शामिल बिहार में महागठबंधन के घटक दल अपने मुस्लिम-यादव (एम-वाई) समीकरण को
गोलबंद करना चाह रही है। इसके साथ ही पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) में तब्दील करने की कोशिश के रूप में
देखा जा रहा है। इसके साथ ही राहुल गांधी सपा नेता को यात्रा में शामिल कर बिहार और यूपी के सीमावर्ती क्षेत्र के वोटर को भी साधना चाह रहे हैं। अखिलेश जिस इलाके में वोटर अधिकार यात्रा में शामिल हुए वह है सारण और भोजपुर का क्षेत्र। यह दोनों सीमा बलिया से जुड़ा है। बिहार और यूपी के सीमावर्ती इलाकों के बीच न सिर्फ भाषायी, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्ते भी गहरे हैं। यहां पर लोगों को रोटी-बेटी का रिश्ता है। दोनों राज्यों के इन इलाकों की सियासत पर भी इसकी झलक साफ नजर आती है।
महागठबंधन की कोशिश है कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव का प्रदर्शन दोहराया जाए। बिहार विधानसभा के पिछले चुनाव में महागठबंधन को सीवान जिले की आठ में से छह, सारण जिले की 10 में से सात और भोजपुर जिले की सात में से पांच सीटों पर जीत मिली थी। महागठबंधन अपने इस जीत को एक बार फिर से दोहराना चाह रहा है। बिहार में विपक्षी महागठबंधन इस
बार चुनाव से पहले अलग रणनीति पर काम करता नजर आ रहा है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा के पूरे प्लान में माइक्रो लेवल की चुनाव रणनीति भी झलक रही है। इस यात्रा के दौरान किस नेता को कहां शामिल करना है इसका विशेष ध्यान रखा गया है। यह बहुत सोच-समझकर तय किया लगता है। महागठबंधन ने अखिलेश को उतारने के लिए उन इलाकों का चयन किया, जहां सपा का प्रभाव हो सकता है। इसी प्रकार से प्रियंका गांधी इस यात्रा में मिथिलांचल के इलाके में शामिल हुईं, जानकी मंदिर में पूजन किया। यह इलाका बीजेपी का गढ़ माना जाता है।
Updated on:
30 Aug 2025 01:15 pm
Published on:
30 Aug 2025 01:13 pm
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