
पत्रकारों से बात करते केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी। फोटो- पत्रिका
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन के बंधन दरकते नजर आ रहे हैं। सीट शेयरिंग को लेकर एनडीए और महाठबंधन में मार फंसा है। चुनाव आयोग किसी भी दिन चुनाव की घोषणा कर सकता है। इधर, गठबंधन में सीटों पर किसी प्रकार की कोई सहमति बनती नहीं दिख रही है। केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के 20 सीटों पर दावा ठोकने के बाद बिहार में एनडीए घटक दलों में कई तरह की चर्चा शुरू हो गई है।
केंग्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने साफ कर दिया है कि उनको अगर 15 से कम सीट मिला तो अकेले अपने दम पर 100 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरेंगे। जीतन राम मांझी के इस बयान के बाद बिहार एनडीए में खलबली मच गई है। पीएम मोदी के बिहार दौरे से पहले मांझी के इस बयान की राजनीतिक गलियारे में काफी चर्चा हो रही है।
बोधगया में रविवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि इस बार मेरी पार्टी का लक्ष्य हर हाल में मान्यता प्राप्त करने का है। इसके लिए हमें कम से कम आठ सीटों पर जीत और कुल मतों का छह प्रतिशत वोट हासिल करना जरूरी है। उनका कहना था कि यह तभी संभव है जब एनडीए गठबंधन में उन्हें 15 सीटें दी जाएं।
जीतन राम मांझी ने जोर देकर कहा कि पार्टी को बने दस साल हो चुके है। लेकिन अभी तक 'अनरजिस्टर्ड' है। यह अब अपमानजनक लगता है। इस बार का चुनाव हमारे लिए “करो या मरो” की स्थिति है। एनडीए में अपनी अहमियत बताते हुए मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी बिना पैसा खर्च किए भीड़ जुटा लेती है, जबकि दूसरी पार्टियां पैसे के दम पर भीड़ बुलाती हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि गठबंधन उन्हें पर्याप्त सीटें देगा और 2025 में उनकी पार्टी मान्यता प्राप्त दल के रूप में उभरेगी।
Updated on:
14 Sept 2025 05:50 pm
Published on:
14 Sept 2025 05:48 pm
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