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Bihar Assembly Elections 2025: विधानसभा चुनाव में एनडीए के सामने मगध फतह की चुनौती?

Bihar assembly elections 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के सामने महागठबंधन का गढ़ मगध फतह की चुनौती होगी। पीएम मोदी शुक्रवार (22 अगस्त) को अपनी सभा से मगध के 26 विधानसभा साधने की कोशिश करेंगे।

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Bihar assembly elections 2025

एनडीए के सामने मगध फतह की चुनौती

Bihar Assembly Elections 2025 बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर रणक्षेत्र तैयार हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद 22 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी मगध फतह के लिए गया आ रहे हैं। पीएम मोदी गया दौरा के दौरान मगध के 26 विधानसभा सीटों को साधने का प्रयास करेंगे। मगध के 26 में से 20 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है। गया में सबसे ज्यादा 4 सीट पर एनडीए का कब्जा है। एनडीए मगध में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए पिछले दो वर्षो से काम कर रही है। पीएम मोदी शुक्रवार को अपनी सभा में इसका लेखा जोखा भी रख सकते हैं। इसके साथ ही मगध में विकास की गति कैसे बढ़े इसपर भी बोल सकते हैं। चुनावी साल में पीएम गयाजी से बिहार से जुड़े लगभग 12 से 13 हजार करोड़ रुपये की लागत वाले प्रोजेक्ट का शिलान्यास एवं लोकार्पण भी करेंगे।

राहुल गांधी के बाद पीएम मोदी की सभा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी वोटर अधिकार यात्रा के दौरान इन सीटों को साधने का प्रयास किया है। अब पीएम अपनी सौगातों से इन सीटों को अपने पक्ष में करने का प्रयास करेंगे। महागठबंधन के परंपरागत गढ कहे जाने वाले मगध में एनडीए को कभी सफलता नहीं मिली है। इस दफा एनडीए ने वंदे भारत एक्सप्रेस और अमृत भारत ट्रेन की सौगतों के साथ साथ क्षेत्र में विकास की आधारशीला रखकर वोटर को अपने पक्ष में करने का प्रयास करेंगे। मगध में गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद और नवादा जिला आता है।

नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था

बिहार का मगध क्षेत्र 2005 से पहले नक्सली घटनाओं के लिए जाना जाता था। गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद और नवादा में 90 के दशक में प्रति माह बड़ी नक्सली घटना हुआ करती थी। जहानाबाद जिले के सेनारी गांव में एक खास अगड़ी जाति के 34 लोगों की 18 मार्च, 1999 की रात में गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। इसी प्रकार से बिहार में हुए नरसंहारों में सबसे बड़ा और नृशंस नरसंहार लक्ष्मणपुर बाथे है। यह नरसंहार बिहार के अरवल जिला में हुआ था। 30 नवंबर और 1 दिसंबर, 1997 की रात हुए इस नरसंहार में रणवीर सेना ने 58 लोगों की हत्या कर दी थी।बिहार के जहानाबाद जिले में 25 जनवरी 1999 की रात में शंकर बिगहा में नरसंहार हुआ था। इसमें 22 दलितों की हत्या कर दी गई थी। इसी प्रकार से औरंगाबाद जिले के मियांपुर में 16 जून 2000 को 35 दलित लोगों की हत्या कर दी गई थी।

वंदे भारत एक्सप्रेस

बिहार के गया से से पांच वंदे भारत एक्सप्रेस गुजरती है। इसके अतिरिक्त कल (22 अगस्त) पीएम मोदी गया को अमृत भारत ट्रेन की भी सौगात देंगे। इसके अतिरिक्त गया का रेलवे स्टोशन भी वर्ल्ड क्लास बनाया जा रहा है। संभवत: पीएम कर इसका उद्घाटन करेंगे। हालांकि यह स्ट्रेशन अभी पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हुआ है। इसके साथ ही वे वैशाली से कोडरमा (झारखंड) के बीच बौद्ध सर्किट ट्रेन का भी वर्चुअल हरी झंडी दिखाएंगे। इन ट्रेनों की चर्चा कर पीएम कल विपक्ष पर तंज भी कसेंगे। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि शाहाबाद, मगध और पूर्वांचल के लिए यह पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक है। पीएम मोदी ने बिहार को पांच वंदे भारत एक्सप्रेस और अमृत भारत ट्रेन देखर र वाराणसी,गया और पटना से पश्चिम बंगाल की दूरी कम कर दी। मगध के लोग इसकी काफी दिनों से इसकी मांग कर रहे थे। गया जिला के 10 विधानसभा में से 6 पर महागठबंधन का कब्जा है। जबकि चार पर एनडीए का कब्जा है।

मगध में महागठबंधन

बिहार के मगध प्रमंडल के 26 विधानसभा सीटों में से 20 पर महागठबंधन का कब्जा है। जहानाबाद के तीन विधानसभा में से सभी पर महागठबंधन का कब्जा है।इसी प्रकार से औरंगाबाद के छह और अरवल के दो विधानसभा सीटों पर भी महागठबंधन का कब्जा है। गया के 10 विधानसभा सीटों में से 6 विधानसभा सीट पर महागठबंधन का कब्जा है। इसी प्रकार से नवादा के पांच विधानसभा में से चार पर महागठबंधन का कब्जा है। बीजेपी इस गणित को बदलना चाहती है। बीजेपी इसको लेकर पिछले कुछ वर्षो से प्रयास भी कर रही है। पीएम मोदी कल (शुक्रवार) गया से इन सभी जिलों के लिए सौगातों की झोली खोलेंगे।

कहां क्या मिलेगा?

पीएम मोदी कल (शुक्रवार) औरंगाबाद, बोधगया और जहानाबाद में जलापूर्ति परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इसके साथ ही गयाजी से ही औरंगाबाद, जहानाबाद, लखीसराय और जमुई जिले में भी एसटीपी समेत अन्य कार्यों का शिलान्यास करेंगे। यहां के लोग पिछले कई वर्षो से इसकी मांग कर रहे थे। इन योजनाओं से यहां के लोगों के वर्षो की मांग पूरी हो जायेगी।