
कोर्ट का बड़ा फैसला (पत्रिका फाइल फोटो)
बिहार के अररिया कोर्ट ने बेटी की हत्या के आरोप में एक मां को मौत की सजा सुनायी है। कोर्ट ने इस हत्या को रेयर ऑफ द रेयरेस्ट मानाते हुए कहा है कि बेटी की हत्या की आरोपी मां को फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाये, जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए। यह घटना लगभग तीन साल पहले की है, जिसकी सुनवाई अररिया न्याय मंडल के एडीजे चतुर्थ रवि कुमार की अदालत में हुई। मां ने अपनी दस वर्षीय बेटी की हत्या अपने प्रेमी संग मिलकर कर दी थी।
गुरुवार (27 नवंबर) को कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद इस पूरे मामले को “रेयर ऑफ़ द रेयरस्ट” माना। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि 35 वर्षीय पूनम देवी अपनी बेटी की हत्या के लिए दोषी हैं। यह घटना मां की गरिमा को कलंकित करती है। इसलिए अदालत उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाती है। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि पूनम की गर्दन में फांसी का फंदा तब तक लटकाया जाए, जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए।
प्रभा कुमारी मंडल ने कहा कि आरोपित महिला पूनम देवी अपने प्रेमी रूपेश सिंह से अपने घर पर लगातार मिलती‑जुलती थी। 21 जून 2023 को पूनम देवी को उसके प्रेमी रूपेश सिंह के साथ उसकी बेटी ने आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। बेटी इस बात से नाराज़ होकर पूरी घटना की जानकारी अपने पिता को देने की बात कह रही थी। इससे पूनम देवी गुस्से में आ गई और उसने बेटी को जान से मारने की धमकी दी। लेकिन जब वह इससे नहीं डरी, तो पूनम देवी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपनी पुत्री शिवानी कुमारी की हत्या की योजना बनानी शुरू कर दी।
इधर, पूनम देवी के पति पंजाब से घर लौटने वाले थे। इससे पूनम को अपने राज के खुलने का भय सताने लगा। परेशान पूनम ने अपनी बेटी की हत्या को अंजाम देने के उदेश्य से 10 जुलाई 2023 को जहरीली मछली अपनी बेटी शिवानी कुमारी को खिलाई। मछली खाने के साथ ही शिवानी बेहोश हो गई। इसके बाद पूनम ने सब्जी वाले चाकू से शिवानी के गले और पेट में चाकू घोंप कर उसकी हत्या कर दी। फिर शव को जलावन घर में रखे मक्का के ढेर में छिपा दिया और चाकू तथा घर में गिरे खून को अच्छी तरह साफ कर दिया। बाद में वह शिवानी को खोजने का नाटक करने लगी, और अंत में खुद ही शव को खोज कर बाहर निकाला।
नरपतगंज थाना में पदस्थापित चौकीदार के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई। चौकीदार भगवान कुमार पासवान ने 11 जुलाई 2023 को इस मामले में थाना कांड संख्या 380/2023 दर्ज कराया था। जांच अधिकारी ने 22 सितंबर 2024 को आरोपपत्र सौंपा और न्यायाधीश ने 1 दिसंबर 2023 को आरोप गठित किया। आरोप गठन के समय आरोपित मां ने कहा कि मुझे इस मामले में फँसाया जा रहा है। गवाहों के बयान और साक्ष्यों से संतुष्ट होकर न्यायाधीश रवि कुमार ने पूनम देवी को दोषी मानते हुए 27 नवंबर को फांसी की सजा सुनाई है।
Published on:
28 Nov 2025 11:25 am
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