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बिहार चुनाव 2025: महागठबंधन के वोट बैंक पर ओवैसी और पीके की नजर, सीमांचल में किसका चलेगा जादू?

बिहार चुनाव 2025: बिहार के दूसरे चरण के तहत सीमांचल के 04 जिलों के 24 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होना है।

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Bihar Election 2025

बिहार विधानसभा चुनाव (Photo-Patrika)

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार आज शाम में थम जायेग। बिहार के 20 जिलों के 122 विधानसभा क्षेत्रों में 11 नवंबर की सुबह सात बजे से शाम के पांच बजे तक मतदान होगा। दूसरे चरण के चुनाव में को सबकी नजर सीमांचल पर लगी है। महागठबंधन का किला कहे जाने वाले सीमांचल में 2020 में एनडीए ने 24 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज किया था। 12 में आठ सीटों पर बीजेपी और चार सीटों पर जदयू को जीत मिली थी। एआईएमआईएम ने 05 सीटों पर अपनी जीत दर्ज कर बिहार में खाता खोला था। जबकि 07 सीटों पर महागठबंधन को जीत मिली थी।

2020 में 05 सीटों पर एआईएमआईएम का कब्जा

2020 के विधानसभा चुनाव में सीमांचल के 24 विधानसभा सीटों में एआईएमआईएम ने पांच सीटें जीतकर महागठबंधन को तगड़ा झटका दिया था। एआईएमआईएम ने सीमांचल के अमौर, बहादुरगंज, बायसी, जोकीहाट और कोचाधामन सीटों पर अपनी जीत दर्ज किया था। पांच में से तीन सीटों पर 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी का कब्जा था और दो सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था। सीमांचल में 2020 के चुनाव में महागठबंधन के खराब प्रदर्शन की वजह से प्रदेश में महागठबंधन की सरकार बनते- बनते रह गई थी। इस जीत ने कांग्रेस और आरजेडी दोनों की बेचैनी बढ़ा दी थी। क्योंकि सीमांचल के वर्षो से महागठहंधन के कोर वोटर मुसलमानों ने आरजेडी और कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था।

कहां किसकी कितनी आबादी

बिहार के किशनगंज,अररिया,कटिहार और पूर्णिया इन चार ज़िलों को सीमांचल कहा जाता है। इन चार जिलों में 24 विधानसभा सीटें हैं। माइनॉरिटी कमिशन ऑफ़ बिहार के मुताबिक़, सीमांचल के किशनगंज में 67% मुस्लिम, कटिहार में 42%, अररिया में 41% और पूर्णिया में 37% मुस्लिम आबादी हैं।

05 सीटों पर महागठबंधन तीसरे नंबर

एआईएमआईएम की बढ़त की वजह से महगठबंधन यहां पर तीसरे नंबर पर चली गई थी। दूसरे नंबर पर एनडीए के प्रत्याशी थे। हलांकि चुनाव के बाद एआईएमआईएम के पांच में से चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे। कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जिले की 24 सीटों में मुस्लिम मतदाता औसतन 35 से 60 प्रतिशत तक हैं। 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन दोनों यहां पर अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं।

त्रिकोणीय संघर्ष

आरजेडी का किला कहा जाने वाले सीमांचल में एनडीए के साथ साथ AIMIM और जनसुराज की एंट्री से कई सीटों पर त्रकोणीय संघर्ष होने की संभावना है। बीजेपी ने यहां मुस्लिम और यादव बहुल सीटों पर नए उम्मीदवारों को उतारकर जातीय समीकरण बदलने की कोशिश भी की है। जबकि महागठबंधन यहां पर अपना दबदबा बनाए रखने के लिए कई सभा के साथ साथ जन संपर्क अभियान भी चला रही है। नुक्कड़ सभा भी कर रही है। इधर, AIMIM और जनसुराज की सक्रियता ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। प्रशांत किशोर की जनसुराज यात्रा ने पूर्णिया और अररिया में जनाधार खड़ा किया है, जबकि AIMIM अपनी खोई जमीन वापस पाने में जुटी है।

महागठबंधन का फोकस

सीमांचल के 24 में इस बार कांग्रेस 12 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जबकि आरजेडी 9 सीटों पर, 2 सीट पर वीआईपी और एक सीट पर सीपीआईएमएल चुनाव लड़ रही है। इसी प्रकार से एनडीए में बीजेपी 11 सीट, जेडीयू 10 सीट और एलजेपी (आर) तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। एआईएमआईएम पूरे बिहार में 25 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।