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Bihar Land Survey: बिना दस्तावेज़ के भी नहीं कटेगा नाम, बिहार सरकार ने जमीन मालिकों को दी बड़ी राहत

Bihar Land Survey: बिहार में चल रहे जमीन मालिकों को लेकर बिहार सरकार ने बड़ी राहत दी है। अगर आपके जमीन का कागजात खारब होगा है या दीमक कहा गया है, तब भी आपको आपके जमीन का मालिकाना हक मिलेगा। जानिए कैसे...

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bihar land survey

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Bihar Land Survey: बिहार में चल रहे विशेष भूमि सर्वे को लेकर सरकार ने रैयतों (जमीन मालिकों) को बड़ी राहत दी है। अब दस्तावेज़ों की कमी के चलते किसी का नाम सर्वे से नहीं कटेगा। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर जमीन के दस्तावेज जैसे खतियान, रसीद, दाखिल-खारिज, वंशावली आदि जरूरी काग़ज़ नष्ट हो गए हैं, खराब हो गए हैं या उपलब्ध नहीं हैं, तो भी भूमि मालिकों को सर्वे में शामिल होने से रोका नहीं जाएगा। उपलब्ध दस्तावेज़ों के आधार पर स्वघोषणा पत्र जमा कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है। बाकी काग़ज़ात सर्वे की प्रक्रिया के दौरान या बाद में भी जमा कराए जा सकते हैं।

विवाद नहीं होने पर सर्वे में दर्ज होगा नाम

भूमि एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों के पास 50 वर्षों या उससे अधिक समय से जमीन पर कब्ज़ा है और उस जमीन पर कोई विवाद नहीं है, उनके नाम सीधे सर्वे में दर्ज किए जाएंगे। इस व्यवस्था से उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी जो पुराने काग़ज़ात न मिलने की वजह से अपना नाम दर्ज नहीं करवा पा रहे थे।

15 तरह के प्रमाण पत्र माने जाएंगे

सरकार ने यह भी घोषणा की है कि दस्तावेज़ों की कमी की स्थिति में कुल 15 तरह के वैकल्पिक प्रमाण स्वीकार किए जाएंगे। विभाग जल्द ही इन प्रमाणों की सूची जारी करेगा ताकि लोग खुद तय कर सकें कि कौन से काग़ज़ सर्वे में शामिल करने के लिए जमा किए जा सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि प्रक्रिया में किसी भी व्यक्ति को अनावश्यक परेशान नहीं किया जाएगा और जरूरतमंदों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

राज्य सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि सर्वे प्रक्रिया में पारदर्शिता और सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। पंचायत स्तर तक अधिकारी जाकर लोगों को यह जानकारी देंगे कि किस तरह बिना दस्तावेज़ के भी वे अपना नाम दर्ज कर सकते हैं और अपने अधिकार सुरक्षित रख सकते हैं।

भूमि समस्याओं का समाधान होगा आसान

भूमि सर्वे का उद्देश्य केवल कागज़ों का मिलान नहीं, बल्कि वास्तविक कब्ज़े की पहचान और विवादों को कम करना है। इससे लंबे समय से चल रही भूमि संबंधी समस्याओं का समाधान आसान होगा। सरकार का यह कदम भूमि मालिकों की आर्थिक सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

दस्तावेज जुटाने में मदद करेगी सरकार

मंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि कोई भी भू-स्वामी कागज़ों की कमी के कारण अपने हक से वंचित न रह जाए। भूमि मालिकों को राहत देने के साथ-साथ प्रशासन दस्तावेज़ जुटाने में मदद करेगा। इसके लिए विशेष हेल्पलाइन और सेवा केंद्र भी स्थापित किए जा सकते हैं।

रैयत को मिलेगी राहत

इस घोषणा से बिहार के लाखों रैयतों को राहत मिलने की उम्मीद है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ पुराने काग़ज़ उपलब्ध नहीं हैं या जल, दीमक, समय की मार से खराब हो चुके हैं, वहाँ यह निर्णय नई आशा लेकर आया है। सर्वे प्रक्रिया में पारदर्शिता और सहभागिता बढ़ेगी, जिससे विवादों की संभावना कम होगी और भूमि से जुड़ी समस्याओं का समाधान आसान होगा।