
जीतन राम मांझी की पार्टी में परिवार का दबदबा
Bihar Politicsबिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर अब उलटी गिनती शुरू हो गई है। एक दूसरे पर तंज के साथ साथ वार और पलटवार का भी खेल चल रहा है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक दूसरे पर वार और पलटवार हो रहे हैं। इसमें परिवार वाद पर भी एक दूसरे पर तंज कसे जा रहे हैं। बिहार के बड़े नेताओं के परिवार से कौन कौन राजनीति में हैं। इसकी चर्चा करते हैं। सबसे पहले हम चर्चा हम पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के सीएम बनने के बाद उनके परिवार के कई लोगों की राजनीति में एंट्री हुई।
जीतन राम मांझी के परिवार से चार लोग राजनीति में हैं। बेटा डॉ संतोष सुमन बिहार सरकार में मंत्री हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद डॉ संतोष सुमन विधान परिषद से सदन में एंट्री ली और फिर बिहार सरकार में मंत्री बने। डॉ संतोष सुमन की पत्नी और जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी जीतन राम मांझी के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुए इमामगंज विधानसभा से चुनाव लड़ी और सदन तक पहुंची। जीतन राम मांझी भी विधायक हैं। मांझी की पार्टी से वे गया जिला के बाराचट्टी विधानसभा सीट से चुनाव जीती हैं। जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र कुमार राज्य एससी आयोग में उपाध्यक्ष हैं।
जीतन राम मांझी ने अपना राजनीतिक करियर की शुरूआत वर्ष 1980 में किया। वो इसी वर्ष 1980 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर गया के फतेहपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने थे। इसके बाद मांझी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे फिर राजनीति में लगातार सक्रिय रहे। कांग्रेस के बाद जीतन राम मांझी जनता दल (1990-1996), राष्ट्रीय जनता दल (1996-2005) और जेडीयू जैसे (2005-2015) मे रहें। नीतीश कुमार से मनमुटाव होने पर उन्होंने जदयू छोड़कर साल 2015 में अपनी राजनीतिक पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा का गठन किया। जीतन राम मांझी पहली बार अस्सी के दशक में चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में मंत्री भी बने थे।
जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद हुआ करते थे। नीतीश कुमार ने इसके कारण ही उन्हें अपनी कुर्सी दे दी थी। लेकिन, 10 महीने में ही कुर्सी और प्रशासनिक कौशल नहीं होने का कारण अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। सीएम पद को लेकर नीतीश कुमार से उनके रिश्ते में भी तल्खी आ गई थी। इसके बाद मांझी ने जेडीयू से अलग होकर अपनी पार्टी का गठन किया।
राजनीति में आने से पहले जीतन राम मांझी टेलीफोन एक्सचेंज में काम किया करते थे। वे 13 सालों तक टेलीफोन एक्सचेंज में काम किया। लेकिन, अब वे केंद्र में मंत्री हैं और बिहार की राजनीति में एक बड़े नेता हैं। उनके परिवार के भी कई लोग राजनीति में हैं।
Updated on:
21 Aug 2025 10:11 pm
Published on:
21 Aug 2025 10:09 pm
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