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Bihar Election: सीमांचल मिशन पर BJP! 12,000 कमजोर बूथों पर होगी घर-घर दस्तक, पहुंचेगा सरकार का रिपोर्ट कार्ड

Bihar Election: भाजपा ने बिहार में लगभग 12,000 कमजोर मतदान केंद्रों की पहचान की है, जिनमें वे भी शामिल हैं जहां भाजपा का खाता भी नहीं खुल पाया था। इस बार भाजपा अपना चुनावी हिस्सा ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना चाहती है। इसलिए इन कमजोर बूथों पर ज्यादा फोकस करेगी। 

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पटना

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Anand Shekhar

Oct 08, 2025

bihar election 2025

भाजपा ने 12,000 संवेदनशील बूथों की पहचान की (फोटो-पत्रिका)

Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है और अब जमीनी तैयारी अपने चरम पर है। इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक ऐसा चुनावी ब्लूप्रिंट तैयार किया है जो न केवल रणनीतिक रूप से अलग है, बल्कि सियासी नक्शे पर नए समीकरण भी बना सकता है। पार्टी ने राज्य के करीब 12,000 कमजोर बूथों की पहचान की है। ये वो बूथ हैं जहां 2020 में या तो बीजेपी को बेहद कम वोट मिले थे, या फिर एक भी वोट नहीं पड़ा था। यानि कि अब भाजपा का मिशन तय है घर-घर दस्तक और हर वोट तक पहुंच।

सीमांचल पर बीजेपी का फोकस

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इन 12,000 कमजोर बूथों में ज़्यादातर बिहार के सीमांचल क्षेत्र में हैं। जिसमें अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार जैसे जिले हैं, जहां मुस्लिम आबादी का प्रतिशत 60 से 70 तक है। बीजेपी इन इलाकों में संगठित और शांत ढंग से प्रवेश करने का प्रयास रही है। पार्टी के माइनॉरिटी मोर्चा को यह मिशन सौंपा गया है। जो न नारों से, न रैलियों से, बल्कि डोर-टू-डोर कन्वर्सेशन के जरिए मतदाताओं से जुड़ने की कोशिश करेगा।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि हर बूथ पर 10 से 20 वॉलंटियर्स की टीम बनाई जा रही है। इनका लक्ष्य है कम से कम 100 से 200 वोटों का इजाफा करना। जहां 2020 में बीजेपी का शून्य था, वहां अब शुरुआत करनी है। हालांकि पार्टी कि ओर से इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि 90712 बूथों में से ये 12000 बूथ कौन से हैं, जहां वॉलंटियर्स घर-घर दस्तक देंगे।

आशीर्वाद अभियान का नया फार्मूला

BJP माइनॉरिटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी इस अभियान की सीधी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने अपने नेताओं से कहा है कि यह चुनाव नारे या भाषणों से नहीं जीता जाएगा बल्कि मिलने-जुलने, समझाने और भरोसा दिलाने से जीता जाएगा। मिशन का नाम दिया गया है आशीर्वाद अभियान। यानी पार्टी नेता और वॉलंटियर्स मतदाताओं से कहेंगे, “हमने पिछले पांच सालों में आपके मोहल्ले तक विकास पहुंचाया है, अब आप हमें अपना आशीर्वाद दें।” यह संवाद शैली पूरी तरह से व्यक्तिगत कनेक्शन पर आधारित है।

विकास योजनाओं की दी जाएगी जानकारी

वॉलंटियर्स लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला गैस योजना, जनधन, आयुष्मान भारत, और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं के फायदे और इसके स्थानीय लाभार्थियों के बारे में बताएंगे। इससे वॉलंटियर्स को अपने संवाद में यह कहने में आसानी होगी कि आपके गांव के फलां व्यक्ति को यह योजना मिली, आपका भी नंबर आ सकता है। बीजेपी का मानना है कि यदि सीमांचल जैसे इलाकों में 5-10% वोट स्विंग होता है, तो कई सीटों का खेल बदल सकता है।

धर्मेंद्र प्रधान और चिराग पासवान की बैठक

इधर, दिल्ली और पटना दोनों जगह बीजेपी की चुनावी हलचल तेज है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को एलजेपी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान से मुलाकात की, ताकि सीट शेयरिंग पर बनी खींचतान सुलझाई जा सके। सूत्रों के अनुसार, चिराग की मांग है कि 2024 लोकसभा चुनाव में जिन 5 सीटों पर उनकी पार्टी ने जीत दर्ज की थी, उनमें से हर लोकसभा क्षेत्र में कम से कम 2 विधानसभा सीटें उन्हें दी जाएँ। बीजेपी इस डील को संतुलित रखने की कोशिश कर रही है ताकि NDA के भीतर किसी तरह का असंतोष न फैले।

जंगलराज बनाम सुशासन की लड़ाई

BJP के रणनीतिकारों का कहना है कि यह चुनाव केवल सीटों का नहीं, नैरेटिव का चुनाव है। पार्टी जंगलराज बनाम सुशासन की पुरानी थीम को नए पैकेज में पेश करने की तैयारी में है। BJP माइनॉरिटी मोर्चा अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी के अनुसार भापजा का यह अभियान किसी परिवार या जाति के लिए नहीं है। यह ‘लोगों के लिए सरकार’ का संदेश लेकर आया है। जो भ्रम विपक्ष फैला रहा है, उसे जनता अब नहीं खरीदेगी।