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बिहार चुनाव का रोडमैप… भाजपा ने 13 बड़े नामों की बनाई मेनिफेस्टो कमेटी, जनता से सीधे सुनेगी राय

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पहली बड़ी चाल चल दी है। पार्टी ने 13 सदस्यों वाली मेनिफेस्टो कमेटी का गठन किया है, जिसका मकसद अगले पाँच वर्षों के लिए बिहार का विज़न डॉक्यूमेंट तैयार करना है।

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बीजेपी ने चुनाव अभियान समिति का किया एलान (Photo-IANS)

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक अहम कदम उठाते हुए मेनिफेस्टो कमेटी का गठन कर दिया है। पार्टी का दावा है कि यह घोषणापत्र केवल औपचारिक दस्तावेज़ नहीं होगा, बल्कि जनता से सीधे संवाद कर उनकी राय पर आधारित रोडमैप बनेगा।

13 नेताओं को मिली जिम्मेदारी

भाजपा की ओर से जारी सूची में कुल 13 प्रमुख नेताओं और विशेषज्ञों को जगह दी गई है। इनमें पूर्व मंत्री प्रेम कुमार, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनन मिश्रा, डॉ. भीम सिंह, ऋतुराज सिन्हा, निवेदिता सिंह, देवेश कुमार, सुरेश रुंगटा, गुरु प्रकाश पासवान, अमृता भूषण, संतोष पाठक, अजीत चौधरी, प्रो. सीता सिन्हा और सुनील राम शामिल हैं। पार्टी का मानना है कि यह टीम बिहार के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य को समझते हुए घोषणापत्र तैयार करेगी।

जनता से जुड़ेगी कमेटी

भाजपा ने साफ किया है कि इस बार मेनिफेस्टो बनाने की प्रक्रिया जनता की भागीदारी से होगी। कमेटी राज्यभर में जाकर विभिन्न वर्गों से राय लेगी और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए भी सुझाव जुटाएगी। युवाओं, किसानों, महिलाओं और उद्यमियों से सीधे बात कर उनकी समस्याओं को वादों में शामिल करने की तैयारी है।

रोजगार और विकास पर फोकस

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस घोषणापत्र में खास तौर पर रोजगार, बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य और शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। भाजपा चाहती है कि बिहार में निवेश का माहौल बने और युवा राज्य से बाहर नौकरी खोजने की मजबूरी से मुक्त हों। इसके अलावा महिला सुरक्षा और किसानों के लिए राहत पैकेज जैसे मुद्दों को भी जगह दी जाएगी।

विपक्ष पर दबाव बनाने की कोशिश

राजनीतिकजानकारों का मानना है कि भाजपा का यह कदम विपक्ष पर भी दबाव बनाएगा। महागठबंधन जहां अभी सीट बंटवारे और रणनीति पर उलझा हुआ है, वहीं भाजपा ने जनता की राय को सामने रखकर अपनी चुनावी लड़ाई को नया आयाम देने की कोशिश शुरू कर दी है।

जनता को साधने की कवायद

पार्टी का कहना है कि यह घोषणापत्र “जनता का दस्तावेज़” होगा और चुनाव के बाद इसकी प्राथमिकताओं पर तेजी से काम किया जाएगा। भाजपा नेताओं का मानना है कि अगर जनता को लगेगा कि उनकी बात सीधे घोषणापत्र में शामिल हुई है, तो यह विश्वास का माहौल बनाएगा और चुनाव में पार्टी को फायदा पहुंचाएगा।