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Tiger rescue: आदमखोर बाघ पकड़ा गया, किसान को मारकर गन्ने के खेत में छिपा था, जानिए किस बीमारी से था पीड़ित?

Tiger rescue वन विभाग ने मंगलवार को रेस्क्यू कर आदमखोर को पकड़ लिया। सोमवार को आदमखोर बाघ ने पश्चिम चंपारण में एक किसान को अपना शिकार बनाया था। मंगलवार की सुबह में पश्चिम चंपारण जिला के वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के गोवर्धना वन क्षेत्र के वन कर्मी रेस्क्यू दल ने रेस्क्यू कर पकड़ लिया।

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रेस्क्यू के बाद पकड़ा गया बाघ। फोटो- पत्रिका

Tiger rescue: वन विभाग मंगलवार को आदमखोर बाघ को पकड़ लिया। चार वर्षो में इसने एक दर्जन से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया था। सोमवार को ही इसने खेत में घान की रोपनी कर रहे एक किसान को अपना शिकार बनाया था। इसके भय के कारण लोग अपना घर छोड़ने लगे थे। मंगलवार की सुबह में पश्चिम चंपारण जिला के वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के गोवर्धना वन क्षेत्र के वन कर्मी रेस्क्यू दल ने रेस्क्यू कर पकड़ लिया। वन विभाग इसके बेहतर इलाज के लिए पटना भेजने की तैयारी कर रहा है।

शिकार करने के बाद गन्ने के खेत में छिपा था

हमलावर बाघ शिकार करने के बाद पास के ही गन्ना के खेत में छिप जाया करता था। मंगलवार को वन विभाग की टीम भी इसे गन्ने के खेत से ही पकड़ा। बाघ के पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत का सांस ली है। ग्रामीण इसके भय से दहशत में जी रहे थे। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाघ घटनास्थल के समीप गन्ना के खेत छिपा था। नर बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पहले उसे बेहोश किया गया। उसके बाद उसे पकड़ लिया। जिसकी उम्र करीब 11 से 12 वर्ष है। मंगुराहा जंगल के उपचार केंद्र में नर बाघ का वन संरक्षक-सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामनी के और उप निदेशक प्रमंडल 1 की उपस्थिति में पशु चिकित्सक दल के द्वारा शारीरिक परीक्षण किया गया।

पटना भेजने की तैयारी

पशु चिकित्सक दल ने बताया कि बाघ का उम्र अधिक है। इसके साथ ही उसे खून की कमी एवं कमजोरी में पाया गया । जिसे बेहतर चिकित्सीय उपचार के लिए संजय गांधी जैविक उद्यान पटना स्थानांतरित किया जाएगा। इस नर बाघ का मूल अधिवास नेपाल के माडी जंगल क्षेत्र होने का सूचना प्राप्त हुई है। वही मृतक के आश्रितों को सहायता राशि 10 लाख रुपये की भुगतान के लिए त्वरित कार्रवाई की गयी है।

सोमवार को किसान को बनाया था शिकार

सोमवार की सुबह करीब 10 बजे पूर्वाह्न में गोबर्धना वन प्रक्षेत्र जंगल से सटे घोडाघाट खैरहनी गांव के समीप नरिया सरेह में किसान पुजारी मथुरा महतो धान की सोहनी कर रहे थे। कुछ देर बाद एकाएक उक्त किसान गायब हो गए। वन कर्मियों के साथ रेस्क्यू वाहन के मदद से पुजारी मथुरा महतो के पार्थिव शरीर (मृत अवस्था में) को झाड़ी से बरामद किया गया।