पटना। बिहार में हुए टॉपर घोटाले में एक बड़ा खुलासा फिर सामने आ रहा है। इस बार पता चला है कि बोर्ड में अच्छे नंबर दिलाने के लिए सेंटर भी मैनेज किए जाते थे। जो जितने अधिक रुपए देता था उसके लिए उसका मनचाहा परीक्षा सेंटर भी मैनेज कर दिया जाता था। कम पैसे देने वाले परीक्षार्थियों की सामान्य तरीके से कराई जाती थी।
घोटाले की जांच कर रही एसआईटी को रजिस्ट्रेशन से जुड़े अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं। एसआईटी यह पता लगाने में जुटी है कि विशुन राय कॉलेज में एक छात्र के दो रजिस्ट्रेशन के पीछे बच्चा का मकसद क्या था? एसएसपी ने कहा कि बोर्ड को पत्र लिख छात्र-छात्राओं का रिजल्ट रद्द करने की अनुशंसा की जाएगी।
जानकारी के अनुसार जांच में यह खुलासा हुआ है कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद से ही विशुन राय कॉलेज में यह खेल शुरू हो जाता था। एसआईटी की जांच में विशुन राय के 2015-16 के सत्र में करीब चार दर्जन छात्र-छात्राओं का रजिस्ट्रेशन दो बार किया गया है। ऐसे 32 छात्र इंटर साइंस, दो कॉमर्स और आर्ट्स के 14 छात्र हैं। छात्र का नाम, पता और उसके पिता का नाम भी एक ही है।