
डॉक्टर संजीव कुमार (फोटो-सोशल मीडिया)
बिहार की सियासत में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है। जदयू विधायक डॉ. संजीव कुमार के आरजेडी में शामिल होने की खबर ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने इस कदम को सीधा-सीधा पार्टी विरोधी गतिविधि बताया और उन पर नीतीश सरकार गिराने की साज़िश का मास्टरमाइंड होने का गंभीर आरोप लगाया।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि परबत्ता से विधायक संजीव कुमार लंबे समय से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। उनका दावा है कि “संजीव कुमार पहले ही आरजेडी में जाने का मन बना चुके थे और सरकार को अस्थिर करने की हर कोशिश में शामिल रहे।”
राजीव रंजन ने 27 सितंबर को परबत्ता में आयोजित कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा, “विधायक संजीव कुमार कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे, फिर भी 10,000 से ज्यादा कार्यकर्ता शामिल हुए। यह साफ दिखाता है कि जनता और कार्यकर्ता उनके साथ नहीं, बल्कि पार्टी के साथ हैं।”
जदयू प्रवक्ता ने विपक्ष के ‘एंटी-इंकंबेंसी’ प्रचार पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों में नीतीश कुमार सरकार ने जो फैसले लिए हैं, वे ऐतिहासिक हैं। वृद्धा पेंशन 400 से बढ़ाकर 1100 रुपये की गई, 25 लाख महिलाओं को सीधे खाते में 10,000 रुपये की सहायता राशि मिली और रोजगार सृजन के लिए एक करोड़ नौकरियों का लक्ष्य रखा गया है।
राजीव रंजन ने लालू-राबड़ी शासनकाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उस दौर में लोग जान बचाने के लिए पलायन करते थे, जबकि आज के बिहार में लोग रोजगार के लिए वापस लौटे हैं। उन्होंने कहा, “यह साबित करता है कि बिहार विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।” प्रवक्ता ने दो टूक कहा कि संजीव कुमार के पार्टी छोड़ने से जदयू कमजोर नहीं हुई है, बल्कि और मज़बूत हुई है। उन्होंने दावा किया कि 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए भारी जनादेश के साथ सत्ता में वापसी करेगा।
Updated on:
03 Oct 2025 09:07 pm
Published on:
03 Oct 2025 05:42 pm
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