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Bihar Politics: DM को बोलकर हारते उम्मीदवार को चुनाव जितवा दिया था… जीतन राम मांझी का वीडियो वायरल

Bihar Politics: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे बिहार में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। RJD ने वीडियो के आधार पर चुनावी गड़बड़ी और प्रशासनिक मशीनरी के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है, जबकि मांझी ने दावा किया है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है और यह उन्हें बदनाम करने की साज़िश का हिस्सा है।

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पटना

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Anand Shekhar

Dec 19, 2025

Jitan Ram Manjhi

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Photo-IANS)

Bihar Politics:बिहार की सियासत में एक बार फिर चुनावी धांधली को लेकर घमासान मच गया है। केंद्रीय मंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया है कि मांझी खुले मंच से यह स्वीकार करते नजर आ रहे हैं कि हारते हुए उम्मीदवार को जिला प्रशासन की मदद से चुनाव जिता दिया गया था। हालांकि जीतन राम मांझी ने कहा है कि वीडियो से छेड़छाड़ कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

क्या है वीडियो में?

वायरल वीडियो में केंद्रीय मंत्री को यह कहते हुए सुना जा रहा है कि इस चुनाव में वे 1600 वोटों से एक सीट हार गए, लेकिन उन्हें पहले बताया ही नहीं गया था। अगर उन्हें पहले बताया गया होता कि हार रहे हैं तो वे कुछ करते। मांझी दावा कर रहे हैं कि 2020 में उन्होंने डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से बात करके एक ऐसे उम्मीदवार को जितवाया था जो 2600 वोटों से हार रहा था। उन्होंने उस समय के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का भी ज़िक्र किया, जो कथित तौर पर अभी त्रिपुरा में तैनात हैं। एक सार्वजनिक मंच से मगही भाषा में दिए गए इस बयान के बाद चुनावी सिस्टम और लोकतंत्र को लेकर बहस तेज़ हो गई है।

RJD का गंभीर आरोप

RJD ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि यह वीडियो भारत सरकार के मौजूदा कैबिनेट मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का है, जो डंके की चोट पर खुले मंच से चुनाव नतीजों में हेरा-फेरी, मशीनरी और धांधली से चुनाव जितने का शाही फॉर्मूला बता रहे हैं।

RJD का आरोप है कि उस समय त्रिपुरा कैडर के 2006 बैच के अधिकारी और बिहार में प्रतिनियुक्त तत्कालीन जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर चुनाव परिणाम प्रभावित करने में भूमिका निभाई। पार्टी ने इसे प्रशासनिक मशीनरी का खुला दुरुपयोग और लोकतंत्र की हत्या करार दिया है।

चुनाव आयोग पर भी सवाल

RJD ने इस मामले में चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। राजद ने लिखा, "यही मोदी की कृत्रिम लोकप्रियता और बेईमानी के चाणक्य की सच्चाई है। इन लोगों ने मिलकर दोनों चुनाव में युवा जुझारू क्रांतिकारी नेता तेजस्वी यादव का राजनीतिक वध करने का असफल प्रयास किया। लेकिन सच को कब तक छुपाओगे? कब तक जनता को 41 हज़ार करोड़ बांटकर, बेईमानी कर, धांधली कर, मशीन की मदद से भ्रष्ट अधिकारी के काले कारनामों से झूठे चुनाव जीतते रहेंगे? तुम्हारा भांडा अवश्य फूटेगा।"

मांझी का पलटवार

विवाद बढ़ने के बाद जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उनके वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे जानबूझकर गलत संदर्भ में वायरल किया जा रहा है। मांझी ने लिखा,“कुछ लोगों को लगता है कि मुसहर के बेटे को बदनाम कर देंगे। अब न कोई मुझे अपमानित कर सकता है और न बेवकूफ बना सकता है। आसमान पर थूकने वाले यह भूल जाते हैं कि थूक उन्हीं के मुंह पर गिरता है। अब मांझी ब्रांड हो चुका है, किसी से डरने वाला नहीं।”