
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, फोटो X/ सोशल मीडिया
Bihar News ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद जैसी त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं अब 15वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग से प्राप्त 15 लाख रुपये तक की योजनाओं को विभागीय तौर पर क्रियान्वित कर सकेंगी। इस बात की जानकारी बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा दी।
12 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में इसपर सहमति बनी थी। इसके बाद इस आशय की घोषणा बैठक में हो चुकी है। राज्य सरकार ने यह फैसला योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने और उन्हें आम जनता तक शीघ्र पहुंचाने के उद्देश्य से लिया है।
पंचायती राज संस्थाओं को ग्रामीण विकास कार्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकार से बड़ी मात्रा में धनराशि प्राप्त होती है। वर्तमान में वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग और आरजीएसए राज्य मद की राशि पीएफएमएस और सीएफएमएस के माध्यम से हस्तांतरित की जा रही है। मुख्य सचिव ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रतिनिधियों द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही थी कि निविदा प्रक्रिया में मानव बल की कमी, निविदा के दौरान 'ठेकेदार लाभ' (कॉन्ट्रैक्टर प्रोफिट) जुड़ने से लागत में वृद्धि और निविदा निष्पादन में देरी के कारण 15 लाख रुपये तक की योजनाओं को विभागीय स्तर पर क्रियान्वित करने की अनुमति दी जाए।
इनकी इन मांगों और योजनाओं को त्वरित और गुणवत्तापूर्ण तरीके से लागू करने की आवश्यकता को देखते हुए, विभाग ने इस पर गहन विचार-विमर्श के बाद यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। सभी जिला परिषदों को भी इस निर्णय से अवगत करा दिया गया है। इससे योजनाओं का कार्यान्वयन पारदर्शिता, कार्यक्षमता और संसाधनों के इष्टतम उपयोग को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
Updated on:
24 Jun 2025 05:49 pm
Published on:
24 Jun 2025 02:53 pm
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