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Flood News: नेपाल में बारिश से बिहार में बाढ़, मनोर नदी का बांध टूटा, गर्भवती महिला समेत दो दर्जन लोग फंसे

Flood News बालू का बांध एक माह पहले ही क्षतिग्रस्त हो गया था। इसकी जानकारी भी संबंधित ठेकेदार व विभाग को दी गई थी। लेकिन समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण यह हादसा हुआ। अब ग्रामीणों ने पक्के बांध की मांग की है। ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके। 

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नेपाल में बारिश से बिहार में बाढ़। फोटो -पत्रिका

Flood News: नेपाल समेत सीमावर्ती क्षेत्रों में दो दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश से पहाड़ी नदी मनोर व भापसा, हरहा ,झिकरी, कौशील नदी में आयी बाढ़ से बगहा-2 प्रखंड अंतर्गत नौरंगिया दरदरी , चंपापुर गोनौली पंचायत के विभिन्न गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बाढ़ के पानी ने कई गांवों में तबाही मचा दिया है।

मनोर नदी पर बना बांध टूटा

बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही दरदरी गांव में मचाया है। गुरूवार की देर शाम बगहा-2 प्रखंड के नौरंगिया दरदरी गांव में मनोर नदी पर बना बांध टूटने से नदी का पानी गांव में घुस आया। इससे पूरा क्षेत्र जलमग्न हो गया है। जिला प्रशासन का कहना है कि बाढ़ से दरदरी गांव पूरी तरह प्रभावित हो गया है। करीब 113 घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। कई कच्चे-पक्के मकान बाढ़ के कारण गिर गए हैं। गांव की कई सड़कों में दरारें पड़ गईं है और किसानों की फसलें चौपट हो गईं है।

नदी के धारा बदलने से हुई तबाही

बाढ़ से तबाह हुए लोगों ने अचानक से पानी घरों में प्रवेश करने लगा। हम लोग कुछ समझते इससे पहले पूरा इलाका पानी हो गया है। घर में रखे सारे समान नष्ट हो गए। खाने के लिए भी कुछ नहीं बचे हैं। पूरी रात बिना पानी और खाना के ही गुजरा है। स्थानीय लोगों ने कहा कि बांध टूटने के कारण यह तबाही हुई, लेकिन प्रशासन का कहना है कि नदी की धारा बदलने से तबाही मची। मामले की सूचना मिलने पर प्रशासन के लोग पहुंचे हैं।

एक माह पहले ही बांध क्षतिग्रस्त हो गया था

स्थानीय लोगों ने कहा कि बालू का बांध एक माह पहले ही क्षतिग्रस्त हो गया था। इसकी जानकारी भी संबंधित ठेकेदार व विभाग को दी गई थी। लेकिन समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण यह हादसा हुआ। अब ग्रामीणों ने पक्के बांध की मांग की है। ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।

48 घंटे बारिश का अलर्ट

राहत सामग्री का वितरण की प्रक्रिया कराया जा रहा है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों को भरोसा दिलाया है कि फिलहाल बांध की मरम्मत का काम चल रहा है। बरसात के बाद स्थायी पक्का बांध बनाया जाएगा। गंडक बराज से गुरुवार को 1.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। मौसम विभाग की ओर से अगले 48 घंटों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। जिला प्रशासन ने जल संसाधन विभाग को हाई-अलर्ट पर रखा है और ग्रामीणों से ऊंचे स्थानों पर रहने, गहरे पानी से दूर रहने की अपील की है।