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बिहार SIR: चुनाव आयोग को वोटर लिस्ट पर राजनीतिक दल नहीं दिखा रहे दिलचस्पी, अब तक मिले नौ आपत्तियां

बिहार में एसआईआर 24 जून को शुरू हुआ, जो राजनीतिक दलों के बीएलओ और बीएलए द्वारा क्षेत्र-स्तरीय पूछताछ के दौरान एकत्र किए गए गणना प्रपत्रों पर आधारित था। मसौदा सूची 1 अगस्त को प्रकाशित की गई और राज्य के सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा कर दी गई है।

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वोटर लिस्ट। फोटो- IANS

बिहार SIR: मतदाता सूची में दावे और आपत्तियों की समय सीमा समाप्त होने में अब सिर्फ नौ दिन ही शेष हैं। लेकिन, आज (शनिवार) तक बिहार के मतदाताओं से मसौदा मतदाता सूची में नाम शामिल करने या हटाने के लिए अब तक 99,656 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जबकि राजनीतिक दलों की ओर से केवल नौ आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। इधर, एक अगस्त से विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले 2,63,257 नए मतदाताओं ने मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए आवेदन मिले हैं।

नए मतदाताओं ने किए आवेदन

व्यक्तिगत स्तर पर मतदाताओं से प्राप्त कुल आवेदनों में से, 7,367 का निपटारा निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) द्वारा कर दिया गया है। चुनाव आयोग का कहना है कि भाकपा (माले) लिबरेशन एकमात्र राजनीतिक दल है जिसने अब तक मसौदा मतदाता सूची से संबंधित नौ शिकायतें दर्ज की हैं। आयोग ने आगे कहा कि बार-बार अपील के बावजूद, राजनीतिक दलों ने संशोधन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग नहीं लिया है। जबकि दावे और आपत्तियों की अवधि 1 अगस्त से शुरू हुई थी, 1 सितंबर तक ही जारी रहेगा। 1 अगस्त से अब तक, विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू होने के बाद 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले 2,83,042 नए मतदाताओं ने मतदाता सूची में शामिल होने के लिए आवेदन किया है।

भाकपा (माले) नौ शिकायतें दर्ज की

चुनाव आयोग के अनुसार व्यक्तियों, राजनीतिक दलों और उनके 1.6 लाख बूथ-स्तरीय एजेंटों (बीएलए) को त्रुटियों को चिन्हित करने के लिए एक महीने का अवसर दिया गया है। इनमें से, राजद ने 47,506 बीएलए, कांग्रेस ने 17,549 और वामपंथी दलों ने 2,000 से अधिक बीएलए नियुक्त किए हैं। अर्थात कुल मिलाकर 67,000 से अधिक प्रतिनिधि हैं। लेकिन, मात्र भाकपा (माले) लिबरेशन एकमात्र राजनीतिक दल है जिसने अब तक मसौदा मतदाता सूची से संबंधित नौ शिकायतें दर्ज की हैं। अन्य बार-बार अपील के बावजूद, राजनीतिक दलों ने संशोधन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग नहीं ले रहे हैं।

मतदाता सूची ऐसे जोड़वा सकते हैं

आपका नाम अगर मतदाता सूची में नाम नहीं है तो आप मसौदा मतदाता सूची में शामिल न किए गए नामों की सूची, कारणों सहित, जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ)/जिला मजिस्ट्रेटों (डीएम) और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) की वेबसाइटों पर ईपीआईसी नंबरों से खोजें। ये खोज योग्य मोड में प्रदर्शित की गई है। पीड़ित व्यक्ति अपने आधार कार्ड की प्रति सहित सहायक दस्तावेजों के साथ दावा दायर कर सकते हैं। आयोग ने दोहराया कि त्रुटिरहित मतदाता सूची एक मजबूत लोकतंत्र की नींव है। आयोग ने कहा, "प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए मतदाता सूची कानून के अनुसार सख्ती से तैयार की जाती है।"

24 जून से शुरू हुआ था बिहार में एसआईआर

बिहार में एसआईआर 24 जून को शुरू हुआ, जो राजनीतिक दलों के बीएलओ और बीएलए द्वारा क्षेत्र-स्तरीय पूछताछ के दौरान एकत्र किए गए गणना प्रपत्रों पर आधारित था। मसौदा सूची 1 अगस्त को प्रकाशित की गई और राज्य के सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई। ईसीआई ने मतदाता सूची से बाहर रह गए पात्र मतदाताओं को सलाह दी है कि वे 1 सितंबर तक आधार के साथ फॉर्म 6 में दावे दर्ज कराएं। इसी तरह, अपात्र प्रविष्टियों के खिलाफ आपत्तियां फॉर्म 7 में दर्ज कराई जा सकती हैं। यहां तक ​​कि किसी निर्वाचन क्षेत्र के गैर-मतदाता भी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं, बशर्ते कि वे नियमों के अनुसार आवश्यक घोषणा या शपथ प्रस्तुत करें।