
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Photo-ANI)
Bihar Politics नीतीश मंत्रिपरिषद का अगले महीने विस्तार संभव है। जदयू में इसको लेकर मंथन का दौर शुरू हो चुका है। एनडीए मंत्रिपरिषद में मंत्री पद के बंटवारे के फॉर्मूले के अनुसार जदयू कोटे से अभी 6 और मंत्री बन सकते हैं। जदयू कुशवाहा और अति‑पिछड़े वर्ग के विधायकों को अवसर देना चाहती है, जिससे जातिगत समीकरण को साधा जा सकें। अभी जदयू कोटे के मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के पास पांच, विजय चौधरी के पास चार तथा श्रवण कुमार और सुनील कुमार के पास दो‑दो विभाग हैं। बिहार में मुख्यमंत्री को मिलाकर अधिकतम 36 मंत्री बन सकते हैं।
जेडीयू सूत्रों का कहना है कि पार्टी मंत्रिमंडल में नए चेहरों को मौका दे सकती है। इसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बैठक होनी है। मुख्यमंत्री की अंतिम मुहर के बाद पार्टी आगे की तैयारी करेगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, दूसरे दल के भी कई विधायक जदयू के संपर्क में हैं और कहा जा रहा है कि उन्हें मंत्री पद का ऑफर दिया जा सकता है। हालांकि, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार इससे इनकार करते हुए कहते हैं कि किसी से कोई बात नहीं हो रही है।
एनडीए में मंत्रिपरिषद को लेकर जो फॉर्मूला तय किया गया है उसके अनुसार बीजेपी कोटे से 3 और मंत्री बन सकते हैं, जबकि जेडीयू कोटे से 6 और मंत्री बन सकते हैं।
- बीजेपी को 17 मंत्री पद मिलेंगे।
- जेडीयू को 15 मंत्री पद (जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं)।
- एलजेपी को 2 मंत्री पद।
- हम तथा आरएलपी को प्रत्येक को 1‑1 मंत्री पद।
जेडीयू कोटे के मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के पास 5, विजय चौधरी के पास 4 और श्रवण कुमार एवं सुनील कुमार के पास 2-2 विभाग हैं। जबकि बीजेपी कोटे के मंत्री विजय सिंह, मंगल पांडेय, नितिन नवीन और अरुण शंकर प्रसाद के पास भी 2-2 विभाग हैं। नए मंत्रियों को इनमें से ही कुछ विभाग जा सकते हैं।
Updated on:
29 Nov 2025 03:44 pm
Published on:
29 Nov 2025 03:33 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
पटना
बिहार न्यूज़
ट्रेंडिंग
