
patna water metro (Photo- Gemini)
Patna Water Metro: पटनावासियों और शहर आने वाले पर्यटकों के लिए एक बड़ी सौगात आने वाली है। राजधानी में वॉटर मेट्रो सेवा जल्द शुरू होने जा रही है, जो दीघा घाट से कंगन घाट तक लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर परिचालित होगी। इस सेवा से न केवल पर्यटकों को गंगा की लहरों के बीच यात्रा का अद्भुत अनुभव मिलेगा, बल्कि शहरवासियों के लिए तेज़ और सुविधाजनक जल परिवहन का विकल्प भी उपलब्ध होगा।
वॉटर मेट्रो परियोजना पटना को स्मार्ट और पर्यावरण-अनुकूल शहरी जल परिवहन प्रणाली का नया मॉडल बनाएगी। यह सेवा पर्यावरण को ध्यान में रखकर विकसित की गई है और शहर में प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी। ट्रैफिक की भीड़ से परेशान यात्रियों को गंगा मार्ग से तेज़ और सुरक्षित यात्रा का अवसर मिलेगा।
पहले चरण में वॉटर मेट्रो सेवा दीघा घाट से कंगन घाट तक चलेगी। इस मार्ग पर गांधी घाट, गायघाट और कंगन घाट मुख्य ठहराव होंगे। सेवा के लिए 50 यात्रियों के बैठने और 25 के खड़े होने की व्यवस्था वाले आधुनिक इलेक्ट्रिक जहाज का उपयोग किया जाएगा। जहाज पूरी तरह वातानुकूलित है और इसमें सीसीटीवी, एलसीडी स्क्रीन और साउंड सिस्टम जैसी सुविधाएँ मौजूद हैं। यात्रियों को आने वाले स्टेशनों और यात्रा संबंधी जानकारी जहाज के माध्यम से दी जाएगी।
शनिवार को कोलकाता से पहला इलेक्ट्रिक जलयान 'एमवी गोमधरकुंवर' गायघाट स्थित जेटी पर पहुंचा। इसे कोलकाता के हावड़ा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा लगभग 12 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। यह जहाज अत्याधुनिक तकनीक से लैस है और पर्यावरण के अनुकूल बैट्री से संचालित होगा।
वॉटर मेट्रो सेवा का संचालन बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के हाथों में होगा। तकनीकी रूप से अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद जहाज को दशहरा के अवसर पर परिचालन के लिए तैयार किया जाएगा। जहाज को चार्ज करने के लिए गायघाट और दीघा में तैरते सामुदायिक जेटी पर चार्जिंग प्वाइंट लगाए गए हैं। आधे घंटे में चार्ज होने वाली बैट्री से जहाज लगभग डेढ़ घंटे तक यात्रा कर सकेगा।
यह परियोजना न केवल आधुनिक जल परिवहन का अनुभव कराएगी, बल्कि पटना के पर्यटन क्षेत्र को भी नया आयाम देगी। यात्री गंगा के किनारे बसे शहर का विहंगम दृश्य देख पाएँगे और पर्यटक आकर्षण बढ़ने के साथ-साथ शहर की पहचान में सुधार होगा।
इस सेवा के माध्यम से पटना शहर में शहरी जल परिवहन को सशक्त बनाने के लिए मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और आधुनिक टर्मिनल बनाए गए हैं। वॉटर मेट्रो परियोजना की कुल लागत 908 करोड़ रुपये है। यह सेवा पर्यावरण को ध्यान में रखकर विकसित की गई है और शहर में वाहन प्रदूषण और ट्रैफिक जाम को कम करने में मदद करेगी।
वॉटर मेट्रो परियोजना पटना को देश में पहले आधुनिक जल मेट्रो सेवा शहरों की श्रेणी में शामिल करेगी। इसका डिज़ाइन रोज़मर्रा के यात्रियों के साथ-साथ देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षक बनाया गया है।
सूत्रों के अनुसार, इस सेवा का किराया प्रति किलोमीटर 20-30 रुपये प्रति व्यक्ति रखा जा सकता है। दीघा से कंगन घाट तक सफर करने में पर्यटकों को गंगा की लहरों के बीच लगभग 45 मिनट से एक घंटा का समय लगेगा। पहले चरण में दीघा से गांधी घाट, गांधी घाट से गायघाट और गायघाट से कंगन घाट के बीच ट्रायल किया जाएगा। ट्रायल सफल होने के बाद सेवा नियमित रूप से शुरू कर दी जाएगी।
Updated on:
28 Sept 2025 02:01 pm
Published on:
28 Sept 2025 02:00 pm
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