
काशीचक थाना, नवादा पुलिस (फोटो- X@nawadapolice)
Bihar News: बिहार के नवादा जिले के काशीचक थाना परिसर में अपहरण मामले में गिरफ्तार एक नाबालिग आरोपी की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक, नाबालिग ने अपने शॉल से फांसी लगाकर आत्महत्या की। तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी और पुलिस प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है।
यह मामला 24 नवंबर को भट्टा गांव की एक नाबालिग लड़की के लापता होने से शुरू हुआ था। लड़की एडमिट कार्ड लेने के लिए स्कूल गई थी और वापस नहीं लौटी। परिजनों की शिकायत पर 26 नवंबर को काशीचक थाना कांड संख्या 171/25 दर्ज किया गया। जांच के दौरान ग्रामीणों से मिली जानकारी पर एक नाबालिग लड़के के साथ जितेंद्र कुमार (बौरी) और नीतीश कुमार (भट्टा) को नामजद आरोपी बनाया गया। उसी शाम करीब 8:30 बजे पुलिस ने लड़की और नाबालिग आरोपी को बरामद कर लिया और थाने लेकर चली गई।
बरामदगी के बाद आरोपी नाबालिग को चौकीदार कपिलदेव पासवान की निगरानी में एक कमरे में रखा गया था। बुधवार सुबह करीब 7:15 बजे पुलिस को सूचना मिली कि नाबालिग ने अपने ही शॉल से फांसी लगा ली है। उसे तुरंत काशीचक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह सवाल अब गंभीर रूप से उठ रहे हैं कि हिरासत में रखे गए आरोपी के पास फांसी लगाने का साधन कैसे मौजूद था और निगरानी में ऐसी घटना कैसे हो गई।
घटना के बाद नवादा पुलिस अधीक्षक ने तत्काल सख्त कदम उठाए। पहली नज़र में लापरवाही के आधार पर काशीचक थानाध्यक्ष अक्षय कुमार गुप्ता, सहायक थानाध्यक्ष लवेश्वर कुमार धान और चौकीदार कपिलदेव पासवान को निलंबित कर दिया गया। साथ ही होमगार्ड जवान हरेराम कुमार को छह महीने के लिए ड्यूटी से वंचित कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।
मामले की जांच अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पकरीबरावां को सौंपी गई है। इस बीच फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य एकत्र किया। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत कार्यपालक दंडाधिकारी द्वारा मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट तैयार की जा रही है। पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड की निगरानी में वीडियोग्राफी के साथ कराया जा रहा है। साथ ही न्यायिक और कार्यकारी जांच भी शुरू की गई है।
हिरासत में नाबालिग की मौत के बाद स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है। लोग इसे पुलिस की गंभीर लापरवाही बताते हुए निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि नाबालिग के साथ थाने में दुर्व्यवहार हुआ होगा, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया। हालांकि पुलिस ने ऐसे आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
Published on:
27 Nov 2025 09:24 pm
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