
पत्रकारों से बात करते प्रशांत किशोर । फोटो- पत्रिका
जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सोमवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर से डिप्टी सीएम सीएम सम्राट चौधरी और मंत्री अशोक चौधरी पर बड़े आरोप लगाएं। इस दौरान उन्होंने जन सुराज पार्टी की फंडिंग को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब भी दिए।
प्रशांत किशोर ने साफ कहा, “आज मैं पूरी पारदर्शिता के साथ बताऊंगा कि मेरा पैसा कहां से आता है। यह पैसा मेरी मेहनत और सरस्वती के आशीर्वाद से आता है। जिनकी मदद की, वे लोग हमें भुगतान करते हैं। मैंने तीन साल में काम करके कुल 241 करोड़ रुपए फीस के तौर पर जमा किए। इसके अलावा 30.95 करोड़ जीएसटी और 20 लाख रुपए इनकम टैक्स भी दिए। 98 करोड़ रुपए मैंने जनसुराज पार्टी को दान किया। यह पूरी प्रक्रिया कानूनी और पारदर्शी है।”
प्रशांत किशोर ने बताया कि उन्होंने नव युवा कंस्ट्रक्शन से 11 करोड़ रुपए सलाहकार फीस के रूप में लिए हैं, जो पूरी तरह कानूनी और पारदर्शी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, CBI और ED इसकी जांच कर सकते हैं, क्योंकि उन्होंने कभी भी कोई अवैध पैसा नहीं लिया।
प्रशांत किशोर ने जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी और उनकी बेटी शांभवी चौधरी की संपत्ति पर सवाल उठाए। पीके ने कहा कि शांभवी की शादी के बाद न्यास बॉड के माध्यम से 100 करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदी गई। इसके अलावा, वैभव विकास ट्रस्ट के तहत पिछले एक साल में 100 करोड़ की संपत्ति कैसे खरीदी गई, यह भी जांच का विषय होना चाहिए। पीके ने चेतावनी देते हुए कहा, “जियालाल आर्य, अनीता कुणाल, किशोर कुणाल की पत्नी और तीसरे प्रत्यय अमृत की सासू मां इस प्रॉपर्टी में शामिल हैं। अगर अशोक चौधरी 7 दिन के भीतर माफी नहीं मांगते हैं, तो मैं उनके 500 करोड़ की संपत्ति का खुलासा करूंगा।”
प्रशांत किशोर ने कहा, सम्राट चौधरी 6 लोगों की हत्या के अभियुक्त हैं। बिहार के राज्यपाल, बिहार सरकार और केंद्र सरकार से मेरा अनुरोध है कि ये हत्या के आरोपी हैं। इनको पद से हटा कर गिरफ्तार किया जाए। तारापुर केस नंबर 44/1995 इनके खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट का डॉक्यूमेंट है, जो सम्राट चौधरी ने दिया है। नाबालिग होने के नाम पर इनको जेल से निकाला गया था। इनका जो इलेक्शन डॉक्यूमेंट है, जो उन्होंने 2020 में दिया है। उसके अनुसार इनकी उस समय उम्र 26 साल होनी चाहिए। हत्या का अभियुक्त डिप्टी सीएम के पद पर बैठा है, संविधान का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता है। उन्हें पद से अगर नहीं हटाया गया तो हम कोर्ट जाएंगे।
प्रशांत किशोर अब तक कई भाजपा और जेडीयू नेताओं को निशाने पर ला चुके हैं। इसमें डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, मंत्री मंगल पांडेय, सांसद संजय जायसवाल और जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी का नाम शामिल है। पीके ने कहा कि जब तक बिहार में सुधार नहीं होगा, हम अपनी कार्रवाई और खुलासे जारी रखेंगे। जनता को पूरी सच्चाई बताना हमारा उद्देश्य है।
प्रशांत किशोर ने बार-बार दोहराया कि उनकी 3 साल की कमाई पूरी तरह कानूनी और पारदर्शी है। उन्होंने कहा, “जनसुराज की फंडिंग का स्रोत मेरी फीस और कानूनी तरीके से प्राप्त दान हैं। हम भविष्य में भी फंडिंग की पूरी जानकारी जनता के सामने रखेंगे। बिहार में सुधार तब तक हमारा मकसद रहेगा जब तक व्यवस्था सुधरती नहीं।” पीके ने कहा कि पार्टी का लक्ष्य बिहार में राजनीतिक सुधार और जवाबदेही लाना है। पीके ने जोर देकर कहा कि पार्टी की सफलता केवल संगठन और सदस्यता पर नहीं, बल्कि जनता के विश्वास और सक्रिय सहभागिता पर भी आधारित है।
Updated on:
29 Sept 2025 01:56 pm
Published on:
29 Sept 2025 01:27 pm
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