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Tej Pratap Yadav: पार्टी और परिवार को तेजप्रताप ने सोशल साइट से किया अनफॉलो, बहनों से बनाई डिजिटल दूरी

Tej Pratap Yadav आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और हसनपुर के विधायक तेजप्रताप यादव ने सोशल साइट X (पूर्व में ट्विटर) से परिवार के 19 में से 16 लोगों को अनफॉलों कर दिया है। इसके बाद से बिहार में सियासी हलचलें तेज हो गई है।

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तेज प्रताप यादव (Photo - IANS)

Tej Pratap Yadav: तेजप्रताप यादव आरजेडी और परिवार से डिजिटल दूरी बना ली है। इसके बाद से बिहार में सियासी हलचलें तेज हो गई है। तेजप्रताप की ओर से सोशल साइट एक्स से परिवार के 19 लोगों में से 16 लोगों को अनफॉलो किया गया है। इसमें राज्यसभा सांसद मीसा भारती, बहन राज लक्ष्मी यादव, हेमा यादव और परिवार के अन्य सदस्य शामिल हैं।

तेजप्रताप यादव का डिजिटल बगावत

तेजप्रताप यादव के डिजिटल बगावत पर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि ये किसी बड़े राजनीतिक मोड़ की ओर इशारा है। तेजप्रताप यादव इससे पार्टी और परिवार को अगाह किया है कि विचार करें अन्यथा द्वार खुले हैं। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि तेजप्रताप यादव यह सब कुछ अपनी ओर ध्यान खींचने की कोशिश है।

मीसा समेत तीन बहनों को भी किया अनफॉलो

तेजप्रताप के इस डिजिटल कदम के बाद बिहार सियासी हलचलें तेज हो गई है। पार्टी कार्यकर्ताओं और सियासी विश्लेषक तेजप्रताप के इस कदम को राजद परिवार में चल रही अंदरूनी कलह या असहमति के रूप में देख रहे हैं। हालांकि, तेजप्रताप यादव का इस पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं आया है। लेकिन, उनके द्वारा हालिया पोस्ट और गतिविधियां कई सवाल खड़े कर रहे हैं।

तेजप्रताप को आया था सपना

तेजप्रताप यादव बुधवार को X पर एक पोस्ट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि उन्हें एक सपना आया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनको बीजेपी शामिल होने का प्रस्ताव दे रहे थे। इस काल्पनिक दृश्य में तेजप्रताप जवाब देते हैं, “मेरे पास अपनी पार्टी है, आप ही हमारी पार्टी से जुड़ जाइए ” इस पोस्ट के साथ तेजप्रताप ने लिखा है “सत्ता के लिए सपने बेचने वाले बहुत हैं, हम वो हैं जो सपने में भी विचार नहीं बेचते.” यह पोस्ट तेजप्रताप द्वारा विधानसभा परिसर में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा से मुलाकात के कुछ ही समय बाद किया गया था। इसके कारण तेजप्रताप के इस टिप्पणी को राजनीतिक संकेतों से जोड़कर देखा जा रहा है। बहरहाल तेजप्रताप पहले भी अपने बयानों और सोशल मीडिया गतिविधियों से पार्टी नेतृत्व के लिए असहज स्थितियां पैदा करते रहे हैं। लेकिन, इस बार उनका रुख पहले से अधिक आक्रामक और स्पष्ट दिखाई दे रहा है।