
खराब मौसम के कारण तेजस्वी यादव की रैली हुई रद्द (फोटो-x/yadavtejashwi)
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में IRCTC घोटाले से जुड़े मामले में सुनवाई हुई और कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। लालू यादव को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है। आरोप तय होने के बाद, कोर्ट ने लालू परिवार के सदस्यों से उनके पक्ष को जानने की कोशिश की, लेकिन तीनों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते हुए मुकदमा लड़ने का संकल्प जताया।
कोर्ट में लालू यादव ने कहा कि वह निर्दोष हैं और उन पर लगाए गए आरोप गलत और राजनीतिक प्रेरित हैं। राबड़ी देवी ने भी आरोपों को खारिज किया और साफ कहा कि वह मुकदमा लड़ेंगी। तेजस्वी यादव ने इस फैसले के तुरंत बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, "जब तक दंगाई एवं संविधान विरोधी बीजेपी सत्ता में है और मेरी उम्र है, हम बीजेपी से लड़ते रहेंगे। तूफ़ानों से लड़ने में मज़ा ही कुछ और है। हमने संघर्ष पथ चुना है। संघर्ष पथ पर चलते-चलते अच्छे मुसाफ़िर बन निश्चित ही मंजिल प्राप्त करेंगे।" उन्होंने आगे कहा कि एक महीने पहले गृहमंत्री अमित शाह बिहार आए थे और उन्हें धमकी दी कि राजद को चुनाव लड़ने लायक नहीं छोड़ा जाएगा। तेजस्वी ने इस पर कड़ा पलटवार करते हुए कहा, "हम लड़ेंगे और जीतेंगे। हम बिहारी हैं, बिहारी, बाहरी से नहीं डरते। जय बिहार, जय बिहारी!"
IRCTC घोटाले का मामला लंबे समय से सुर्खियों में है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अनुसार, लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने साजिश के तहत रेलवे की जमीनों और ठेकों में अनियमितताएं कीं। बदले में, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के नाम पर पटना में लगभग 74 करोड़ रुपये कीमत की जमीन सस्ते दामों में ली। कोर्ट ने आरोप तय करते हुए कहा कि लालू यादव ने राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम का उपयोग करके घोटाले को अंजाम दिया।
Updated on:
13 Oct 2025 01:53 pm
Published on:
13 Oct 2025 01:52 pm
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