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बिहार को देखना है, तो ये देखिए… बिहार के टॉप 10

बिहार राज्य के धार्मिक महत्व की तुलना देश के किसी राज्य से नहीं हो सकती। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आइए, बिहार के उन धर्मस्थलों के बारे में जानें, जिनको जानना है बहुत जरूरी...

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Top 10 religios Places of Bihar

Top 10 religios Places of Bihar

बोध गया

बोध गया में बौद्ध धर्म के जन्मदाता गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। जिस वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था, वह बोधी वृक्ष आज भी है। यहां महाबोधी मंदिर परिसर को देखने दुनिया भर से लोग आते हैं। यहां पहला मंदिर सम्राट अशोक ने बनवाया था। दस से ज्यादा देशों ने यहां एक से एक सुंदर बौद्ध मठ बना रखे हैं। यहां शक्ति पीठ मंगला गौरी मंदिर, विष्णुपद मंदिर भी देखने लायक स्थान हैं। गया श्राद्ध तर्पण के लिए भी भारत का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है।

राजगीर
राजगीर मगध या भारत देश की प्राचीन राजधानी रहा था। यह मनोरम पहाड़ी क्षेत्र, जहां अनेक गुफाएं हैं। प्राचीन काल में अनेक पवित्र ऋषियों ने यहां तपस्या की है। यहां गौतम बुद्ध ने महीनों रहकर तप किया, महत्वपूर्ण उपदेश दिए। यहां उनके उपदेश लिपिबद्ध हुए। राजगीर प्रसिद्ध जैन तीर्थ भी है, क्योंकि यहां भगवान महावीर ने चातुर्मास किए थे और अनेक वर्ष यहां तप व अध्ययन में बिताए थे। इसके अलावा जैन धर्म के 20वें तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ की यह भूमि है।

तख्तश्री पटना साहिब
बिहार की राजधानी पटना स्थित तख्तश्री पटना साहिब को हरमिंदर साहिब भी कहते हैं। यहां सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर सिंह एक यात्रा के दौरान आकर काफी दिन ठहरे थे और यहीं पटना में सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था। जन्म के बाद गुरु गोविंद सिंह यहां चार वर्ष रहे। सिख धर्म को सबसे सशक्त और संगठित बनाने वाले, गुरु ग्रंथ साहिब को अंतिम गुरु का दर्जा देने वाले महान गुरु से जुड़े इस पावन स्थान को देखने पूरी दुनिया से लोग आते हैं।

जानकी मंदिर
बिहार में अनेक स्थान राम-सीता से जुड़े हैं। सीतामढ़ी में स्थित प्रसिद्ध जानकी मंदिर को भगवान राम की धर्मपत्नी सीता जी का जन्मस्थान माना जाता है। पुनौरा ग्राम में राजा जनक हल चला रहे थे, यहीं उन्हें नवजात सीता मिली थीं, जिसे वे जनकपुर ले गए। कुछ ग्रंथों के अनुसार, यहीं वाल्मीकि आश्रम था, जहां सीता जी रही थीं और यहीं राम के पुत्रों - लव और कुश का जन्म हुआ था। जनकपुर और अयोध्या जाने वाले तीर्थयात्री जानकी मंदिर भी जरूर आते हैं।

कोनहारा घाट
हाजीपुर स्थित गंगा और गंडक नदी के तट पर स्थित यह मनोरम घाट गज(हाथी) और ग्राह(मगर) की लड़ाई के लिए प्रसिद्ध है। गज अर्थात हाथी स्नान करने, पानी पीने नदी में उतरा था और उसके पांव को मगर ने जकड़ लिया था। पुराणों के अनुसार, बताया जाता है कि गज ने विवश होकर प्रार्थना की थी, तब अपने भक्त गज को बचाने के लिए विष्णु भगवान स्वयं आए थे। इसी पौराणिक युद्ध की याद में आज भी प्रति वर्ष सोनपुर में विशाल पशु मेला लगता है।

चंडिका मंदिर
मुंगेर ऐतिहासिक-धार्मिक रूप से समृद्ध शहर है। यहां शक्ति पीठों में महत्वपूर्ण चंडिका देवी मंदिर बहुत महत्व रखता है। कई प्राचीन मंदिर, स्थान, घाट यहां स्थित हैं। इसके अलावा यहां योग सिखाने वाले अनेक आश्रम हैं, जहां दुनिया भर से लोग योग सीखने के लिए आते हैं। यह कहा जाता है कि यह बिहार का आधुनिक तीर्थ है - जहां योग की वास्तविक शैली की शिक्षा दी जाती है। इस स्थान का महत्व योग की दुनिया में ऋषिकेश-हरिद्वार जैसा ही है।