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Exclusive Interview: हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने में आखिरी दम तक लगे रहेंगे-उपेंद्र कुशवाहा

पत्रिका संवाददाता प्रियरंजन भारती की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के साथ हुई विशेष बातचीत के अंश...

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पटना

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Prateek Saini

Nov 18, 2018

upendra kushwah file photo

upendra kushwah file photo

(पटना): भाजपाध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात में अब तक असफल रहे रालोसपा सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी फोरम पर निर्णय कर भाजपा को तीस नवंबर तक सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय करने के लिए अल्टीमेटम दिया है। कुशवाहा का ऐलान है कि निर्धारित तिथि बीत जाने के बाद पार्टी अपने हित में कोई भी निर्णय के लिए स्वतंत्र होगी। अगले महीने पार्टी शुरुआती हफ्ते में ही अगले कदम के बारे में कोई ठोस निर्णय कर सकती है। उपेंद्र कुशवाहा आखिरकार करेंगे क्या? उनके अलग हो जाने से होने वाले नुकसान को लेकर भाजपा इत्मिनान से क्यों है? क्या होंगे हालात-इन सारे मुद्दों की पड़ताल करते हुए औरंगाबाद में एक पार्टी कार्यक्रम में पहुंचे कुशवाहा से फोन के जरिए विस्तृत बातचीत की। पेश है उसी बातचीत के अंश....

सवालः आपने भाजपा को तीस नवंबर का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद एनडीए छोड़ेंगे क्या?

जवाबः हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं सीट शेयरिंग पर बातचीत सकारात्मक हो। हमें हरसंभव उम्मीद भी है कि बातचीत से ठोस परिणाम आएंगे। बाकी भाजपा नेतृत्व को तय करना है।

सवालः अमित शाह से आपकी अब तक बातचीत नहीं हो सकी। विधानसभा चुनावों में उनकी व्यस्तता की वजह से या वह मिलना नहीं चाहते?

जवाबः यह हम कैसे कह सकते हैं। क्या कारण है यह हमें नहीं पता।

सवालः भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव से आपकी बातचीत तो हुई थी। रालोसपा के लिए दो सीटें देने पर सहमति बनी। आपको यह मंजूर नहीं है?

जवाबः ऐसी कोई बात नहीं है। भूपेंद्र यादव जी से बातचीत हुई, वह अंतिम बातचीत नहीं है। हमें अभी इंतजार है कि बात निर्णायक हो।

सवालः अमित शाह के पास हो सकता है समय नहीं रहा हो लेकिन आप प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय कैबिनेट में हैं। फिर प्रधानमंत्री से बात क्यों नहीं करते?

जवाबः हम प्रधानमंत्री से बातचीत करने जा रहे हैं। अभी वह बाहर गए हैं। लौटने वाले हैं। हम उनसे मिलकर अपनी बात रखेंगे। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुरु से आदर करते हैं जानते हैं कि देश की जनता उन्हें उम्मीदभरी निगाहों से देख रही है। हमें उम्मीद है कि वह जरूर सही निर्णय करेंगे।

सवालः लेकिन कहा तो यह जाता रहा कि जदयू को नियंत्रित रखने की गरज से भाजपा नेतृत्व के शह पर ही आप नीतीश कुमार पर हमलावर बने रहते हैं। पर सीट शेयरिंग में ऐसा क्यों है?

जवाबः यह सब गलत है। यह दुष्प्रचार है। नीतीश कुमार के बारे में हमें किसी से ज्ञान लेकर बोलने की ज़रूरत नहीं है। जो सच है, मैं वही बोलता हूं।

सवालः एनडीए से अलग हो चुके शरद यादव से आप मिले। उन्हें देश का बड़ा नेता कहा। आपकी पार्टी के साथ शरद यादव की पार्टी के विलय की बातें भी कही जा रही हैं। सच क्या है?

जवाबः शरद यादव बड़े नेता हैं। उनसे मिलकर अपराध तो नहीं किया। वह एनडीए के नेता रहे हैं। इसमें गलत क्या किया। नीतीश कुमार लालू यादव से फोन पर बातचीत कर हालचाल लेते हैं तो मीडिया तारीफ के पुल बांधती है। हमने शरद जी से मुलाकात कर ली, तो तूफान खड़ा क्यों हो रहा है।

सवालः क्या सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर जदयू को बराबरी का हिस्सेदार बना कर और जदयू को अधिक महत्व देकर भाजपा सही कर रही है?

जवाबः भाजपा की बात हम कैसे कहें। यह तो भाजपा से पूछिए। हम अपनी और एनडीए के फायदे की बात कर रहे हैं।

सवालः यदि बात नहीं बनी तो फिर?

जवाबः पार्टी तय करेगी लेकिन हम अभी इस बारे में कोई बातचीत नहीं करेंगे।

सवालः 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले भी भाजपा फील गुड में थी। रामविलास पासवान का संचार मंत्रालय छिन गया था। नाराज होकर गोधरा कांड के बाद दंगों का मुद्दा बनाकर पासवान ने एनडीए छोड़ आरजेडी का दामन थाम लिया था। चुनाव में भाजपा हार गई। बाद में भाजपा को अहसास हुआ और पासवान को साथ लाने के प्रयास हुए। आपकी पार्टी यदि चुनाव से पहले एनडीए से किन्हीं कारण से अलग हो गई तो क्या आपको 2094की पुनरावृत्ति का अंदेशा नहीं लगता?

(हंसते हुए)यह सब आप ही लोग विश्लेषण कर सकते हैं। हमने कहा न कि हमारी पार्टी नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनवाने के लिए अंतिम दम तक जी जान से जुटी रहेगी।