9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इंतजार कीजिए, सुधरने वाली है बिहार पुलिस

जो कदम बिहार सरकार अब उठा रही है, उनका स्वागत है। इन फैसलों को कड़ाई से लागू करके बिहार पुलिस और बिहार की छवि को निखारना चाहिए

2 min read
Google source verification
नीतीश कुमार ने पुलिस सुधार की दिशा में बड़े निर्णय लिए

नीतीश कुमार ने पुलिस सुधार की दिशा में बड़े निर्णय लिए

पटना . कई बार जनता की गुहार विफल हो जाती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से मिली फटकार काम कर जाती है। बिहार के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस सुधार की दिशा में बड़े निर्णय लिए हैं, इंतजार कीजिए, बिहार पुलिस का चेहरा बदलने वाला है। जल्द ही बिहार के थानों में नजर आएंगे शानदार वेटिंग रूम।

फैसला नंबर - 4 - बिहार में दलित विरोधी हिंसा थम नहीं रही है, अत: 49 करोड़ रुपए खर्च करके राज्य के 8 जिलों में एससी और एसटी वर्ग के लिए विशेष थाने बनेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने क्यों फटकारा था?
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट करीब तीन बार बिहार सरकार को बुरी तरह फटकार चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर करारा प्रहार किया था और जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इस फटकार से बिहार सरकार की बहुत बदनामी हुई थी और नीतीश कुमार ने खुद का बचाव करते हुए कहा था कि पुलिस खराब काम करती है, तो सरकार को बदनाम होना पड़ता है। पुलिस सुधार के ताजा फैसलों को इसी फटकार का परिणाम माना जा रहा है।

Read More : नीतीश कुमार की छवि को लगा बड़ा झटका

बिहार की छवि बिगाडऩे में पुलिस का हाथ
विशेष रूप से जो पुलिसकर्मी ग्रामीण इलाकों में पदस्थ हैं, उनका बुरा हाल है। वे अभी भी सामंतवादी दौर में जी रहे हैं। अनेक पुलिसकर्मी हैं, जो खुद को सरकार या जनता का माई-बाप मानते हैं। अनेक आरोप हैं, थानों से भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता रहा है। पुलिस कहीं जांच या भूमि के नाप-जोख कराने भी जाती है, तो आरोपियों के साथ-साथ पीडि़तों से भी पेट्रोल, पानी, कागज, कलम के पैसे लेती है। पुलिस कतई पेशेवर नहीं है, जिससे बिहार में अपराध को खत्म करने में बहुत परेशानी हो रही है। पूर्व में ऐसे भी आरोप हैं, जब जातिवादी पुलिसवाले नक्सलियों या उग्रवादियों को साथ लेकर जाते थे और किसी हमले में मदद करते थे। यह विभाग अनियमितता और लापरवाही में आकंठ डूबा है।

Read More : बिहार में कांग्रेस का क्या होगा?

कैसे सुधरेगी बिहार पुलिस ?
पुलिस और जनता के अनुपात के मामले में बिहार बहुत फिसड्डी है, देश में 33वें नंबर पर आता है। प्रति 869 लोगों पर एक पुलिसकर्मी है। इसमें कोई शक नहीं, पुलिस में अगर सुधार किया जाए, तो बिहार की छवि को बहुत हद तक सुधारा जा सकता है, लेकिन नीतीश कुमार के पास गृह विभाग होने के बावजूद बिहार की पुलिस की राष्ट्रीय रैंकिंग सुधर नहीं रही है।

Read More : बिहार में भाजपा का क्या होगा?