
एजुकेशन 4.0 में अब टीचिंग नहीं, ट्रेनिंग का आएगा दौर
जयपुर. कोरोना के चलते टे्रडिशनल एजुकेशन में कई तरह के बदलाव आएंगे। अब टीचिंग नहीं, ट्रेनिंग चलेगी। इंसान और मशीन एक-दूसरे की पूरक होंगी। एग्जाम, एग्जामिनर, मैनेजमेंट, फैकल्टी, लैब, टीचिंग मैथड, सिलेबस सहित शिक्षा से जुड़े तमाम पहलु नए सिरे से तैयार होंगे। एजुकेशनल इंस्टीटï्यूशंस में होने वाले स्पोट्र्स, ड्रामा, डांस जैसी एक्टीविटीज शायद अब बीते समय की बात हो जाए। अब नए एजुकेशन सिस्टम 4.0 में कई परिवर्तन देखने को मिलेंगे, जिसमें टेक्नोलॉजी का बड़ा रोल होगा।
कोविड-१९ के दौर में एजुकेशन सिस्टम में होने वाले परिवर्तनों को लेकर एक्सपट्र्स ने शनिवार को आयोजित वेबिनार में शिक्षा की कुछ ऐसी ही बदली हुई तस्वीर दिखाई। जगतपुरा स्थित एसकेआइटी की ओर से पांच दिन तक चलने वाली वेबिनार सीरीज ‘बियॉन्ड दा बाउंड्रीज: रेंवेन्टिंग हॉरिजन्स’ के पहले दिन एजुकेशन 4.0 पर बतौर वक्ता एआइसीटीई के चेयरमैन प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे व मानव रचना यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. आइके भट्ट ने ऑनलाइन सेशन्स में स्कॉलर्स को संबोधित किया। कॉलेज के निदेशक जयपाल मील ने वक्ताओं का धन्यवाद दिया तथा शिक्षा के क्षेत्र में आने वाले क्रांति को लेकर सभी से तैयार रहने को कहा। वेबिनार में टेक्निकल एजुकेशन एक्सपर्ट प्रो. पुनीत शर्मा ने को-ऑर्डिनेशन किया। प्रिंसिपल प्रो. रमेश कुमार पचार ने सभी वक्ताओं का स्वागत किया।
ऑनलाइन पोर्टल का फायदा उठाएं स्टूडेंट्स
प्रो. सहस्रबुद्धे ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी की बहुत बड़ी समस्या है, जिसके चलते स्टूडेंट्स को ऑनलाइन स्टडी में दिक्कतें आती हैं। इसके अलावा वैल्यूज को भी ऑनलाइन तरीके से सिखाना संभव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि एआइसीटीई के ‘स्वयं’ जैसे प्लेटफॉर्म से स्टूडेंट्स काफी लाभ उठा सकते हैं।
ऑनलाइन टीचिंग से बढ़ेगी स्पीड और एक्यूरेसी
प्रो. भट्ट ने कहा कि ऑनलाइन टीचिंग से स्पीड और एक्यूरेसी बढ़ेगी तथा परीक्षा का स्तर भी बेहतर होगा। उन्होंने तकनीक की स्पीड का उदाहरण देते हुए कहा कि टेलीफोन को 100 मिलियन कस्टमर्स तक पहुंचने में करीब 75 वर्ष का समय लगा, जबकि पॉकमन एक महीने में इतने कस्टमर्स तक पहुंच गया। ये सब तकनीक का ही कमाल है, अब एजुकेशन भी इसी टेक्नोलॉजी के आधार पर चलेगी।
छोटे सर्टिफिकेट कोर्सेज की बढ़ेगी डिमांड
अब छोटे सर्टिफिकेट कोर्सेज स्टूडेंट्स की पसंद बन रहे हैं। आने वाले दिनों में बड़े कोर्सेज से स्टूडेंट्स दूरी बना सकते हैं। एक्सपट्र्स ने कहा कि एजुकेशन में सीईओ, एचआर, डिजिटल, फैकल्टी समेत अन्य सभी का रोल बदलेगा। इसके साथ ही स्किल्ड और क्रिएटिविटी के साथ ही इनोवेशन प्रोड्यूसिंग एजुकेशन के सिद्धांतों पर शिक्षा आधारित होगी। इंडस्ट्री और एजुकेशन दोनों ही को-ऑर्डिनेशन के साथ आगे बढेंग़े।
Published on:
16 May 2020 08:54 pm
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