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छात्रों के लिए खुशखबरी: CSVTU में 25 करोड़ से बनेगा हॉस्टल और सेंट्रल लाइब्रेरी, अब एडमिशन नहीं होंगे रद्द

CG News: छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में अब जल्द ही खुद का हॉस्टल होगा। हॉस्टल की क्षमता 450 सीटर रहेगी।

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सीएसवीटीयू में बनेगा 450 सीटर हॉस्टल व सेंट्रल लाइब्रेरी (फोटो सोर्स- पत्रिका)

सीएसवीटीयू में बनेगा 450 सीटर हॉस्टल व सेंट्रल लाइब्रेरी (फोटो सोर्स- पत्रिका)

CG News: छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में अब जल्द ही खुद का हॉस्टल होगा। हॉस्टल की क्षमता 450 सीटर रहेगी। हाल ही में राज्य शासन ने तकनीकी विश्वविद्यालय सीएसवीटीयू को 250 सीटर हॉस्टल की स्वीकृति दे दी है। इसके लिए विवि को 25 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

पिछली सरकार ने 100 सीटर हॉस्टल के लिए फंड जारी किया था। उसका भी निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय खुद लड़कियों के लिए 100 सीटर हॉस्टल का निर्माण करेगा। नेवई में बनने वाले हॉस्टल के लिए सीएसवीटीयू प्रशासन ने पीडब्ल्यूडी के साथ औपचारिकाएं पूरी कर ली है।

अधूरी लाइब्रेरी होगी पूरी

यूटीडी भवनों के निर्माण के दौरान सेंट्रल लाइब्रेरी भी बनानी थी, जिसे बाद में फंड की कमी के कारण रोक दिया गया था। इस अधूरी लाइब्रेरी को भी तैयार करने का प्लान किया गया है। शासन से मिले फंड भी सेंट्रल लाइब्रेरी निर्माण का जिक्र भी है। यह तमाम निर्माण कार्य पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी में पूरे होंगे।

ड्राइंग डिजाइन पहले से तैयार

सीएसवीटीयू को नवई भाठा में साल 2015 में नए भवन मिला था। तब इसका निर्माण हाऊसिंग बोर्ड की जिम्मेदारी थी। मुंबई की निजी आर्किटेक्चर फर्म ने सीएसवीटीयू की जरूरतों के निर्माण कार्य का ड्राइंग-डिजाइन बनाया था। पुराने हॉस्टल के डिजाइन के हिसाब से सौ सीटर हॉस्टल बनेंगे, लेकिन नए 250 सीटर हॉस्टल के लिए शासन व पीडब्ल्यूडी द्वारा तय ड्राइंग-डिजाइन में निर्माण होगा।

कैंपस में बनेंगे स्टाफ क्वार्टर

सीएसवीटीयू प्रशासन ने संभावना जताई है कि अगले साल तक कम से कम एक हॉस्टल जरूर बन जाएगा, जिससे यूटीडी में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। उनको एडमिशन के बाद पीजी और भोजन की व्यवस्था के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। सीएसवीटीयू को मिले 25 करोड़ रुपए में विश्वविद्यालयीन अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए स्टाफ क्वार्टर का निर्माण भी कराया जाएगा। नए भवन के निर्माण के समय में यह प्रस्तावित था, लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया था। अब उम्मीद लगाई जा रही है कि आला अधिकारी कैंपस में तैयार होने वाले स्टाफ क्वार्टर में ही रहेंगे।

क्यों जरूरी है यहां हॉस्टल

यहां हॉस्टल नहीं है, ना ही कोई संसाधन है। बाहर पीजी में ठिकाना खोजें तो आने-जाने का टेंशन। बस भी नहीं चलती। यही वजह है कि छात्र कोर्स छोड़ रहे हैं। सुविधाएं न होने की वजह से हर साल प्रदेश और बाहरी राज्यों के छात्र सीएसवीटीयू यूटीडी किनारा करने लगे हैं। हर साल प्रदेश और बाहरी राज्यों के विद्यार्थी एडमिशन तो ले रहे हैं, लेकिन सुविधाएं नहीं होने की वजह से एडमिशन निरस्त करवा लेते हैं। ऐसा ही इस साल भी हुआ है, जब विद्यार्थियों ने पीजी में प्रवेश के बाद उसे निरस्त किया। हॉस्टल नहीं होने से विद्यार्थियों में बाहरी छात्रों में असुरक्षा का भाव पैदा हो रहा है, जो सीएसवीटीयू की छवि को खराब कर रहा है।

शासन से सीएसवीटीयू को 250 सीटर हॉस्टल के निर्माण की मंजूरी मिल गई है। इसके लिए करीब 25 करोड़ रुपए का बजट मिला है। पहले भी सौ सीटर हॉस्टल निर्माण कराने फंड मिला था, जिसे अब शुरू कराएंगे। सीएसवीटीयू खुद सौ सीटर गल्र्स हॉस्टल तैयार करेगा। स्टाफ क्वार्टर भी बनेगा। - डॉ. अरुण अरोरा कुलपति, सीएसवीटीयू