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हम लोगों ने घर की बालकनी तो बड़ी-बड़ी बना ली, लेकिन बैठने के लिए वक्त नहीं, लॉकडाउन में पहली बार बालकनी में बैठना एन्जॉय किया

फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम को एन्जॉय कर रहा है डॉक्टर कपल

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जीवन रेखा हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. नीरज अग्रवाल और डॉ. मीनाक्षी अग्रवाल

जीवन रेखा हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. नीरज अग्रवाल और डॉ. मीनाक्षी अग्रवाल

जयपुर. लॉकडाउन में बच्चे और हमारे रिलेशन को काफी वक्त दे पाए हैं। पहले कभी-कभी ऐसा होता था कि हम घर में नहीं मिलकर अगले दिन हॉस्पिटल में ही मिलते थे। जीवन रेखा हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. नीरज अग्रवाल और डॉ. मीनाक्षी अग्रवाल का कहना है कि पिछले डेढ़ महीने में खुद के लिए समय निकाल पाए हैं। बच्चे को टाइम देना, उसकी हंसी-खुशी का हिस्सा बनना लाइफ के सबसे खूबसूरत पलों में शुमार है। डॉ. नीरज का कहना है कि लॉकडाउन में एक बात तो समझ में आ गई कि इंडियन वीमन पर काम का कितना प्रैशर रहता है और अगर महिला वर्किंग हो तो काम के साथ घर की भी जिम्मेदारी। लेकिन मेल डोमिनेटिंग सोसायटी महिलाओं की तकलीफ समझ ही नहीं पाती।

मिल्क केक और गुलाब जामुन भी बनाए
डॉ. मीनाक्षी का कहना है कि पति के साथ कुकिंग को एन्जॉय कर रही हूं। लॉकडाउन की सबसे खास बात है कि पति की बनाई बैड टी के साथ दिन की शुरुआत होती है। हम लोगों ने बड़ी-बड़ी बालकनी तो बना ली है, लेकिन कभी वहां बैठकर एन्जॉय ही नहीं किया। लॉकडाउन में पहली बार बालकनी में बैठने का मजा ले रहे हैं। डॉ. नीरज बताते हैं कि आम दिनों के मुकाबले हॉस्पिटल में काम कम रहता है। दिन में हॉस्पिटल से आने के बाद वेबिनार्स अटेंड करने के अलावा प्रोफेशन से जुड़ी बुक्स पढ़ता हूं। डेली किचन में कुछ नया ट्राई करते हैं। मैंने मिल्क केक और गुलाब जामुन भी बनाए हैं और सच कहूं तो मेहनत का फल मीठा है। शाम को पत्नी के साथ घर में ही वॉक करता हूं। रात में डिनर के बाद कुछ वेबसीरीज देख लेते हैं।