7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Tea vs Coffee: कभी नुक्कड़ की चाय से जुड़ी थी गपशप, आज कॉफी स्टॉल्स पर बन रहे हैं नए रिश्ते, भिलाई में क्यों बढ़ रहा है कॉफी का क्रेज?

Tea vs Coffee: भिलाई का बदलता ट्रेंड अब साफ दिखने लगा है। कभी दोस्तों की बैठकों, नुक्कड़ की गपशप और मोहल्ले के किस्सों की जान हुआ करता था चाय का प्याला, लेकिन अब कॉफी का कप युवाओं की पहली पसंद बन चुका है।

3 min read
Google source verification
"देखो भाई, तुम्हारी चाय से बेहतर है मेरी कॉफी" (फोटो सोर्स- पत्रिका)

"देखो भाई, तुम्हारी चाय से बेहतर है मेरी कॉफी" (फोटो सोर्स- पत्रिका)

Tea vs Coffee: भिलाई का बदलता ट्रेंड अब साफ दिखने लगा है। कभी दोस्तों की बैठकों, नुक्कड़ की गपशप और मोहल्ले के किस्सों की जान हुआ करता था चाय का प्याला, लेकिन अब कॉफी का कप युवाओं की पहली पसंद बन चुका है। यह बदलाव सिर्फ एक स्वाद या ड्रिंक की पसंद नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल और सोच का भी आइना है।

कॉफी लवर्स का बढ़ता क्रेज

शहर के सिविक सेंटर से लेकर सेक्टर-10 और स्मृति नगर तक कॉफी स्टॉल्स की रौनक इस ट्रेंड की गवाही देती है। भिलाई में आज 19 से ज्यादा कॉफी स्टॉल्स मौजूद हैं और लगभग हर स्टॉल पर सुबह से लेकर रात तक युवाओं की भीड़ लगी रहती है। कॉफी अब सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि सोशल कनेक्शन का जरिया है। दोस्त मिलते हैं, घंटों बातें करते हैं और कॉफी बन जाती है उनके बीच क्वालिटी टाइम का बहाना।

क्यों बदल रही है पसंद?

  1. फैशन और ट्रेंड– जेन-जी के लिए कॉफी सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि स्टाइल और पर्सनैलिटी का हिस्सा है।
  2. लाइफस्टाइल का असर– देर रात पढ़ाई, ऑफिस का प्रेशर या दोस्तों के साथ मीटिंग… कॉफी युवाओं को जागे रहने और एक्टिव बनाए रखने में मदद करती है।
  3. सोशल मीडिया कल्चर– इंस्टाग्राम और स्नैपचैट पर "कॉफी मोमेंट्स" शेयर करना युवाओं के लिए एक नया कूल फैक्टर बन चुका है।
  4. विविधता का आकर्षण– कैप्पुचीनो, लाटे, मोचा या कोल्ड कॉफी… चाय के मुकाबले कॉफी के फ्लेवर युवाओं को ज्यादा विकल्प देते हैं।

चाय बनाम कॉफी: एक डिबेट

भिलाई की गलियों में जब बात छेड़ी जाती है – "चाय अच्छी या कॉफी?" तो माहौल मजेदार हो जाता है। चाय लवर्स कहते हैं – "चाय हर मौसम की साथी है, इसमें अपनापन है और भारत की परंपरा जुड़ी हुई है।" वहीं कॉफी फैंस** का तर्क होता है – "कॉफी स्मार्टनेस और ऊर्जा देती है, यह ग्लोबल कल्चर का हिस्सा है और दोस्तों के साथ बैठने का सही बहाना।"

भाई…. कॉफी के फायदे मुझसे पूछो

  • कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
  • देर रात पढ़ाई या लंबे ऑफिस शिफ्ट्स के दौरान दिमाग को एक्टिव और अलर्ट रखती है।
  • मेटाबॉलिज़्म तेज होने से वजन कंट्रोल में मदद मिलती है।
  • डायबिटीज और हृदय रोग का खतरा कम रहता है।
  • सोशल मीडिया पर कॉफी कप ज्यादा स्मार्ट दिखता है।

चाय से क्या होती है समस्या

  • ज्यादा चाय पीने से एसिडिटी और गैस की समस्या हो सकती है।
  • दूध और चीनी के कारण कैलोरी इनटेक बढ़ जाता है।
  • नींद उड़ जाती है और चिड़चिड़ापन बढ़ता है। यह सहन से बाहर है।
  • पाचन पर नकारात्मक असर और शरीर में आयरन एब्जॉर्बशन कम हो सकता है।
  • चाय के साथ फोटो सोशल मीडिया पर आउटडेटेड हो चुकी है।

अब युवाओं की लाइफस्टाइल बदल रही

मैं, तुम दोनों से सहमत तो हूं लेकिन, चाय का स्वाद और अपनापन अलग ही लेवल का है। कॉफी हमारी जेनरेशन की नई पहचान है। मगर, चाय को भी कम समझने की गलती नहीं करनी चाहिए। भिलाई जैसे छोटे शहर में कैफे कल्चर के बढ़ने से अब युवाओं की लाइफस्टाइल बदल रही है।

चाय की टपरी पर बैठकर गप्पें मारने का दौर कम हो रहा है। उसकी जगह प्रीमियम कॉफी स्टॉल्स में मिलने-जुलने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। तो आज जब पूरी दुनिया इंटरनेशनल कॉफी डे मनाएगी, भिलाई के युवा भी इस ट्रेंड का हिस्सा बनते दिखेंगे। और शायद दोस्तों की बहस से यही मैसेज निकलेगा कि अब चाय नहीं, कॉफी है भिलाई के युवाओं की नई पसंद।